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नॉर्वे डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को अलविदा कह रहा है

५ जनवरी २०२१

नॉर्वे पेट्रोल और डीजल से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री देखने वाला पहला देश बन गया है. नॉर्वे ने 2025 तक पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को पूरी तरह से अलविदा कह देने का लक्ष्य तय किया है.

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तस्वीर: Daniel Leal-Olivas/Getty Images/AFP

नॉर्वे ने पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता को अंत करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. पिछले साल नॉर्वे में पहली बार एक साल में खरीदी गई गाड़ियों में से 50 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रहा. इसका मतलब है देश में पहली बार डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी गईं.

नॉर्वे ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया है. नार्वेजियन रोड फेडरेशन (ओएफवी) के आंकड़ों के अनुसार देश में 2020 में जितनी भी नई गाड़ियां बिकीं उनमें बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियां (बीईवी) का हिंसा 54.3 प्रतिशत था, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. इसके मुकाबले 2019 में यह आंकड़ा 42.4 प्रतिशत था और एक दशक पहले तो महज एक प्रतिशत था.

नॉर्वे ने 2025 तक पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों की बिक्री बंद कर देने वाला पहला देश बनने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को उन करों से छूट मिलती है जो जीवाश्म ईंधन से चलने वाली गाड़ियों पर लगते हैं.

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मर्सेडीज की इलेक्ट्रिक कांसेप्ट गाड़ी जो खुद को चला भी लेगी.तस्वीर: James Atoa/newscom/picture alliance

इस नीति की वजह से देश में गाड़ियों का बाजार उन कंपनियों के लिए एक प्रयोगशाला जैसा बन गया है जो इंटरनल कम्बशन वाली इंजनों से मुक्त भविष्य की तरफ बढ़ने का रास्ता तलाश रही हैं. इस वजह से बीते सालों में बेस्टसेलर की सूचियों में नए नए मॉडल और ब्रांड उभर कर आए हैं.

हालांकि इसके पहले भी कुछ महीनों में नॉर्वे में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री 50 प्रतिशत से ऊपर गई है, लेकिन 2020 में ऐसा पहली बार हुआ जब पूरे साल की कुल बिक्री में बीईवी गाड़ियों ने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को पीछे छोड़ दिया. ओएफवी के सीईओ ओयेविन्ड थोर्सन ने एक समाचार वार्ता में कहा, "हम बिल्कुल 2025 के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर हैं."

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री साल के आखिरी महीनों में और तेज हो गई और दिसंबर में तो ये 66.7 प्रतिशत पर पहुंच गई. फोक्सवागन के ऑडी  ब्रांड ने 2020 का सर्वप्रथम स्थान हासिल किया. उसकी ई-ट्रोन स्पोर्ट्स यूटिलिटी और स्पोर्ट्सबैक गाड़ियां सबसे ज्यादा बिकीं. 2019 की विजेता टेस्ला की मॉडल थ्री दूसरे नंबर पर खिसक गई.

उद्योग समीक्षक और गाड़ियों के डिस्ट्रीब्यूटरों का कहना है कि 2021 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि देश में और भी मॉडल आने वाले हैं. नार्वेजियन ईवी एसोसिएशन की प्रमुख क्रिस्टीना बू का कहना है, "हमारा प्रारंभिक पूर्वानुमान है कि 2021 में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाजार का 65 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर लेंगी. अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो 2025 में केवल शून्य उत्सर्जन वाली गाड़ियां बेचने का लक्ष्य काफी करीब होगा."

Deutschland Zwickau | Volkswagen | Elektroauto Produktion
जर्मनी के ज्विकाउ स्थित फोक्सवागन की फैक्ट्री में बन रही इलेक्ट्रिक गाड़ियां.  तस्वीर: Getty Images/J. Schlueter

इस साल टेस्ला के स्पोर्ट्स यूटिलिटी गाड़ी मॉडल वाई और इसके अलावा फोर्ड, बीएमडब्ल्यू और फोक्सवागन की पहले एसयूवी के नॉर्वे के बाजार में उतरने की संभावना है. सिर्फ डीजल इंजन वाली गाड़ियों की बिक्री जहां 2011 में 75 प्रतिशत थी वो अब 8.6 प्रतिशत पर आ गई है. नॉर्वे में 2020 में 1,41,412 नई गाड़ियां बिकीं जिनमें से 76,789 पूरी तरह से इलेक्ट्रिक थीं.

लेकिन गाड़ियां आयात करने वाली कंपनी बर्टल ओ स्टीन के सीईओ हेराल्ड फ्रिगस्टाड ने कहा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बाजार में हिस्सा बढ़ता ही रहेगा लेकिन इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि गाड़ियां बनाने वाली कंपनियां कितनी गाड़ियां नॉर्वे में भेजेंगी, क्योंकि अब पूरे यूरोप में इनकी मांग बढ़ रही है. उनका अनुमान है कि 2021 में उनकी कंपनी द्वारा बेचे जाने वाली सभी गाड़ियों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत होगा.

सीके/एए (रायटर्स)

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