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आतंकवाद

न्यूयॉर्क के हमले ने बांग्लादेश की चिंता बढ़ाई

१२ दिसम्बर २०१७

वह अमेरिका में दशहत फैलाना चाहता था. लेकिन उसकी साजिश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को मुसलमानों पर तंज कसने का नया मौका दे दिया.

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USA "Explosion" im New Yorker Stadtteil Manhattan
तस्वीर: Reuters/E. Tobin

न्यूयॉर्क शहर के उपनगर मैनहटन में दो सबसे व्यस्त मेट्रो स्टेशनों को जोड़ने वाले रास्ते पर सोमवार को धमाका हुआ. कान फाड़ने वाली गूंज के बाद पैसेजवे पर धुआं ही धुआं भर गया. अफरा तफरी में लोग इधर उधर भागने लगे. वहां मौजूद लोगों के जेहन में एक पल के लिए 9/11 की याद ताजा हो गई. कुछ ही पलों बाद सैकड़ों पुलिसवाले वहां पहुंच गए. आस पास की सड़कों को बंद कर दिया गया. सायरन पर सायरन गूंजने लगे.

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लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस को घटनास्थल पर सिर्फ एक घायल शख्स मिला. वह लहूलुहान था. उसने जो बम बनाया था, वह पूरी तरह नहीं फटा. हमलावर 27 साल का बांग्लादेशी युवक अकायद उल्लाह है. अकायद उल्लाह यूरोप की तरह अमेरिका में भी क्रिसमस मार्केट को निशाना बनाना चाहता था. जांचकर्ताओं के मुताबिक अकायदा उल्लाह ने स्वीकार किया कि वह सीरिया और अन्य जगहों पर इस्लामिक स्टेट पर हो रहे अमेरिकी हमलों का जबाव अपने बम से देना चाहता था.

अकायद उल्लाह 2011 में अमेरिका आया. अमेरिकी वीजा नियम के तहत अमेरिकी नागरिकों के कुछ रिश्तेदार खास वीजा लेकर अमेरिका आ सकते हैं. अकायद उल्लाह भी ऐसे ही आया. अकायद उल्लाह का नाम और उसका बैकग्राउंड सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने फिर देश की आप्रवासन नीति पर हमला बोला. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "आज एक संदिग्ध आतंकवादी एक्सटेंडेड फैमिली चेन माइग्रेशन की बदौलत हमारे देश में दाखिल हुआ, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ मेल नहीं खाती." राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता सारा हकाबी सैंडर्स के मुताबिक ट्रंप की प्रस्तावित नीतियां "इस तरह के वाकयों को टाल सकती थीं."

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अकायद उल्लाह ने अमेरिका के सबसे व्यस्त मेट्रो सिस्टम में आसानी से घुसपैठ की. उसने पाइप के अंदर एक बम छुपाया और उसके पैसेजवे में लगा दिया. लेकिन बम में योजना मुताबिक धमाका नहीं हुआ. बम सुलगाने की कोशिश के दौरान अकायद उल्लाह ही उसकी चपेट में आ गया. उसके हाथ और पेट का निचला हिस्सा झुलस गया है. सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.

अधिकारियों के मुताबिक अकायद उल्लाह ने इंटरनेट पर इस्लामिक स्टेट का प्रोपैगंडा देखा था. लेकिन अभी इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि वह इस्लामिक स्टेट के संपर्क में था या अकेला हमलावर था. मैनहटन में हुई घटना के तुरंत बाद बांग्लादेश ने इसकी निंदा की. लेकिन बांग्लादेश के कई लोगों को लग रहा है कि अकायद उल्लाह की इस हरकत के चलते अब उन्हें अमेरिकी प्रशासन की सख्ती का सामना करना पड़ेगा. बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर भी ऐसी बहस छिड़ गयी है.

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ओएसजे/एमजे (एपी)