1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पाकिस्तान में 18 विदेशी एनजीओ पर ताले का हुक्म

५ अक्टूबर २०१८

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने 18 अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों से अपना काम बंद कर देश छोड़ देने को कहा है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें देश से निकाले जाने का कारण भी नहीं बताया गया है.

https://p.dw.com/p/3640Q
Pakistan schließt NGO Save the Children in Islamabad
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Qureshi

एक अंतरराष्ट्रीय राहत संस्था एक्शन एड भी इनमें शामिल है. उसने बताया है कि गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मदद से चलने वाले 18 गैर सरकारी संगठनों के एक समूह की अपील को खारिज कर दिया जिसके बाद उन पर देश छोड़ कर चले जाने की तलवार लटक रही है. प्रभावित संस्थाओं में ज्यादातर मानवाधिकारों के मुद्दे पर काम करती हैं.

शिक्षा, गरीबी दूर करने और मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों को उठाने वाली संस्था एक्शन एड का मुख्यालय दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में है. संस्था ने एक बयान में कहा है कि सरकार के फैसले का "शिकार वे हजारों आम पाकिस्तानी लोग बनेंगे जिनकी मदद एक्शन एड कर रहा है, ताकि वे अपने अधिकार और एक बेहतर जिंदगी पा सकें."

एक्शन एड के बयान में अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों को बंद करने के फैसले को पाकिस्तान में सिविल सोसायटी और अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों और पत्रकारों के ऊपर हो रहे हमलों की कड़ी बताया गया है.

हाल के समय में पाकिस्तान में विदेशी मदद से चलने वाले संगठनों को लेकर कड़ी नीतियां बनाई गई हैं. इन संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों पर विदेशी जासूस होने के आरोप लगते हैं. 2012 की पाकिस्तानी खुफिया रिपोर्ट में 'सेव द चिल्ड्रन' संस्था को अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को खोजने की अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की कोशिशों से जुड़ा बताया गया. हालांकि सेव द चिल्ड्रन ने इससे इनकार किया, लेकिन उसके कर्मचारियों को पाकिस्तान से निकाल दिया गया.

पाकिस्तान ने 2015 में गैर सरकारी संगठनों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू की. इसके लिए उनसे दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया. इसी की नतीजा है कि पिछले साल सरकार ने 27 संगठनों से देश में अपना काम समेटने को कहा. अधिकारियों ने इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया.

एक्शन एड और 17 अन्य संगठनों ने इसके खिलाफ अपील की थी, लेकिन पाकिस्तान में एक्शन एड के निदेशक अब्दुल खालिक ने बताया कि पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने गुरुवार को अपील खारिज कर दी. 

इन संगठनों को 60 दिन के भीतर अपनी सभी गतिविधियां बंद करने को कहा गया है और उन्हें "छह महीने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी."

पाकिस्तान में रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता लगातार सरकार के तानाशाही रवैये और बढ़ते धार्मिक चरमपंथ को लेकर चेतावनी देते रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसके खिलाफ चिंता बढ़ रही है.

एके/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी