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पाकिस्तान में संसद भंग, विपक्ष पहुंंचा सुप्रीम कोर्ट

३ अप्रैल २०२२

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद संसद को भंग कर दिया गया है. इसके तहत अब 90 दिन के भीतर देश में नए सिरे से आम चुनाव कराने होंगे.

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Pkistan I Imran Khan
तस्वीर: Akhtar Soomro/File Photo/REUTERS

प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद को भंग कर दिया है. उनके कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है."

इससे पहले नाटकीय घटनाक्रम में रविवार को पाकिस्तानी संसद के निचले संदन नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जैसे ही सदन का सत्र शुरू हुआ, डिप्टी स्पीकर असद कैसर ने कहा, "यह अविश्वास प्रस्ताव संविधान के खिलाफ है."

इसके बाद इमरान खान ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा, "मैं लोगों से नए चुनाव की तैयारी करने को कहता हूूं. अल्लाह का शुक्र है कि सरकार को गिराने की साजिश नाकाम हो गई है."

दूसरी तरफ, विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने सरकार पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग ही नहीं होने दी, लेकिन विपक्ष संसद को नहीं छोड़ेगा और उनके वकील इस बारे में सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं.

विपक्षी नेता शाहबाज शरीफ ने कहा है कि इमरान खान देश को अराजकता के मुहाने पर ले आए हैं. साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद की है कि वह इस पूरे घटनाक्रम में अपनी भूमिका निभाएगा और संविधान की रक्षा होगी.

 

इमरान खान के सहयोगी उनका साथ छोड़कर विपक्षी खेमे में खड़े हैं. इसीलिए उनकी सरकार ने संसद में बहुमत खो दिया है. ऐसे में विपक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था. लेकिन क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया और वह लगातार यही कहते रहे हैं कि वह आखिर गेंद तक खेलेंगे. 

इमरान खान का आरोप है कि पश्चिमी देश उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं और उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहते हैं. इस बारे में उन्होंने पिछले दिनों एक खत पेश किया, लेकिन पाकिस्तान में इसकी सत्यता पर बहस छिड़ी है. इमरान खान अमेरिका पर पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में दखल देने का आरोप लगा रहे हैं, हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले दिनों इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया. 

इमरान खान साढ़े तीन साल पहले 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे. लेकिन आम लोगों को किसी तरह की राहत देने में नाकाम रहे. महंगाई ने जनता की कमर तोड़ रही है और देश लागातर आर्थिक संकट में घिरता चला जा रहा है.

एके/एमजे (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)

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