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पिकासो की स्केच बुक चोरी

१० जून २००९

महान स्पानी चित्रकार पाब्लो पिकासो की एक बेशकीमती स्केच बुक पेरिस में उनके नाम पर बनाए गए मशहूर म्यूज़ियम से ग़ायब हो गयी है. पुलिस ने आशंका जतायी है कि पिकासो के इस काम को किसी ने चुरा लिया है.

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पेरिस के म्यूज़ियम से हुई स्केच बुक चोरीतस्वीर: DW

पुलिन ने बुधवार को बताया कि क़रीब एक करोड़ डॉलर की कीमत वाली स्केच बुक की तलाशी के लिए व्यापक स्तर पर छानबीन की जा रही है.

मंगलवार को इस चोरी का पता चला. पेरिस के पिकासो म्यूज़ियम में रखी इस स्केच बुक में पिकासो के 1917 से 1924 तक बनाए रेखाचित्र हैं. इसका आकार छह गुना नौ इंच का है. इसका कवर लाल है और इस पर सोने से अल्बम लिखा हुआ है.

पिकासो की पेंटिंग्स की तरह उनके रेखाचित्रों ने भी भारी धूम मचायी है. पिकासो के बनाए सांड के रेखाचित्रों की श्रृंखला ख़ासी लोकप्रिय हुई जिसमें पिकासो की रचनाधर्मिता और कल्पनाशीलता की महानता का पता भी चलता है. पिकासो ने इस सीरिज़ में जो पहला सांड बनाया वो बाक़ायदा एक ठोस और जीवंत सांड हैं फिर आगे के रेखाचित्रों में अमूर्तन की विरल रेखाओं तक वो उसे ले गए कि सांड अपनी जीवंत संरचना के यथार्थ के दायरे से बाहर धड़कता, लकीरों का एक लिरीकल आख्यान सरीखा बन गया. कहते हैं इस सांड सीरिज़ के स्केचों के बहाने पिकासो ने फ़ासीवाद और अन्य बर्बरताओं पर टिप्पणी की थी. कुछ कलाविद मानते हैं कि पिकासो ने ख़ुद को इन रेखाचित्रों में अभिव्यक्त करने की कोशिश की है.

इस बीच पेरिस में अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पिकासो की स्केच बुक के चोरी हो जाने की आशंका है हालांकि ऐसे कोई निशान शुरूआती जांच में नहीं मिले हैं. ये किताब एक कांच के भारी केस में रखी हुई थी. फ्रांसीसी संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक उसे ख़ास औजारों की मदद से खोला गया हो सकता है.

Ausstellungstipps v. 6.6.2008 as Meninas» Picasso und 25 andere Künstler im Museu Picass, Barcelona, Spanien
पिकासो की पेंटिंग्स काफ़ी मंहगे दामों पर बिकती हैं.तस्वीर: Museu Picasso

अपने कमज़ोर सुरक्षा इंतज़ामों के लिए पिकासो म्यूज़ियम की ज़ोरदार आलोचना हो रही है. उस कमरे में कोई ख़ुफिया कैमरा तक नहीं है जहां बीसवीं सदी के महानतम पेंटरों में से एक पिकासो की ऐसी असाधारण स्केचबुक रखी थी. वहां अलार्म सिस्टम भी नहीं रखा गया है. पेरिस के अख़बारों में इन कमज़ोरियों के हवाले से म्युज़ियम के कर्ताधर्ताओं की लापरवाही की तीखी आलोचना की गयी है.

पिछले कई दिनों से म्यूज़ियम में मरम्मत और विस्तार का काम चल रहा है. म्यूज़ियम में और जगह खोली जा रही है ताकि प्रदर्शनी के लिए ज़्यादा स्पेस हो. उसी बीच ये कांड हो गया और किसी को भनक तक नहीं लगी.

पिकासो म्यूज़ियम में इस अनूठे कलाकार की डेढ़ हज़ार कलाकृतियां रखी गयीं हैं. इनके अलावा क़रीब 200 मूर्तिशिल्प भी हैं. पिकासो का काम हमेशा से बहुत ऊंचे दामों में बिकता रहा है. और इसीलिए पिकासो की कृतियों पर हाथ साफ़ करने की घटनाएं होती रही हैं.

1881 में स्पेन में पैदा हुए पाब्लो पिकासो ने अपनी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा पेरिस में ग़ुज़ारा. 1973 में उनका निधन हुआ था. पिकासो ने बीसवीं सदी के कला आंदोलन को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया. कला की दुनिया में वो घनवाद यानी क्युबिज़्म के जनक माने जाते हैं.

रिपोर्ट- एजेंसियां, शिवप्रसाद जोशी

संपादन- आभा मोंढे