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फोल्क्सवागन करेगा 76 अरब का रिकॉर्ड निवेश

१७ सितम्बर २०११

जर्मन कार कंपनी फोल्क्सवागन अगले पांच सालों में 76 अरब यूरो का निवेश करेगी. इसमें से 62 अरब कंपनी के ऑटोमोबाइल सेक्टर में खर्च करेगी जबकि 14 अरब का निवेश जर्मन चीनी ज्वाइंट वेंचर में होगा.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

यूरोप की सबसे बड़ी कार कंपनी इस रिकॉर्ड निवेश के साथ विश्व में चोटी पर पहुंचने के अभियान में तेजी ला रही है. इसके अलावा कारों की बिक्री में हो रही कमी का मुकाबला करने के लिए तैयार होना चाहती है. कंपनी की निगरानी परिषद ने फैसला किया है कि 2012 से 2016 तक 62.4 अरब यूरो कारखानों के ग्लोबल नेटवर्क को मजबूत बनाने, नई प्रोडक्शन लाइन का विकास करने नए मॉडलों के विकास पर खर्च किया जाएगा.

निवेश की यह राशि पिछले साल फोल्क्सवागन को हुए मुनाफे का नौगुना है. पिछले साल उसने 127 अरब यूरो का कारोबार किया था और उसे 7 अरब यूरो का मुनाफा हुआ था. कंपनी नेतृत्व को भरोसा है कि इस निवेश से 4 लाख कर्मचारियों वाली कंपनी और प्रतिस्पर्धी बन सकेगी.

उद्यम कर्मचारी परिषद के प्रमुख बैर्न्ड ओस्टरलोह कहते हैं, "इस योजना के साथ हमने अपने कारखानों को और सुदृढ़ किया है." दिसंबर 2010 में फोल्क्सवागन ने घोषणा की थी कि वह उत्पादन और विकास में अगले पांच सालों में 51.6 अरब यूरो लगाएगा.

कुल निवेश का बड़ा हिस्सा अचल सम्पति पर खर्च होगा. इनका 57 प्रतिशत हिस्सा जर्मन में मौजूद फोल्क्सवागन के करखानों को जाएगा. शोध और विकास विभाग के इंजीनियरों और डिजायनरों को 11.6 अरब यूरो मिलेंगे. पर्यावरण सम्मत तकनीकी के विकास पर भी खर्च किया जाएगा. फोल्क्सवागन कम पेट्रोल की खपत वाले मॉडलों के अलावा पवन, जल और सौर बिजली से चलने वाली गाड़ियों के विकास पर जोर दे रहा है.

इसके अलावा फोल्क्सवागन नए कारखाने भी लगाएगा. कंपनी के प्रमुख मार्टिन विंटरकॉर्न ने कहा, "हमारे लिए पर्यावरण सम्मत और टिकाऊ मॉडलों और इंजिनों में निवेश एजेंडे पर सबसे ऊपर है." उन्होंने पिछले सप्ताह एक इंटरव्यू में विश्व भर में 70 कारखानों के नेटवर्क की बात की थी. इस समय दुनिया भर में  फोल्क्सवागन के 62 कारखाने हैं.

इस बीच भारत के अलावा दुनिया भर में कारों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. यूरोप में तो बिक्री बढ़ी ही है, रूस में अगस्त में हल्की गाड़ियों की बिक्री 32 प्रतिशत बढ़कर सवा दो लाख हो गई. चीन में गाड़ियों की कीमत 10 फीसदी बढ़कर 947,200 हो गई जबकि अमेरिका में दस लाख गाड़ियां और हल्के ट्रक बिके. ब्राजील में अगस्त में 307,800 गाड़ियां बिकी तो भारत में बिकने वाली गाड़ियों में 5.9 प्रतिशत की कमी आई. अगस्त में 191,900 गाड़ियां बिकी. जापान में गाड़ियों की बिक्री में 26 प्रतिशत की कमी आई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/महेश झा

संपादनः एन रंजन

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