बकरियों को भी खिले हुए चेहरे पसंद हैं
२९ अगस्त २०१८इस स्टडी में बकरियों को एक व्यक्ति की दो अलग-अलग तस्वीरें दिखाई गईं. एक तस्वीर में व्यक्ति के चेहरे पर खुशी के भाव थे तो दूसरी में गुस्से के. रिसर्चरों ने देखा कि 20 पालतू बकरियां इस प्रयोग में मुस्कराते हुए चेहरे की तरफ गईं और अपने थूथन से उसे छूआ. लंदन की क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और स्टडी के सह-लेखक क्रिस्टियान नावरोथ कहते हैं, "बकरियों ने खुशी वाले चेहरे के साथ औसतन 1.4 सेकंड और क्रोधित चेहरे के साथ 0.9 सेकंड का वक्त बिताया. इसका मतलब है कि बकरियां तकरीबन 50 फीसदी अधिक समय मुस्कराते हुए चेहरे के साथ रहीं."
साइंस पत्रिका 'रॉयल सोसायटी ओपन साइंस' में छपी इस स्टडी का दावा है कि यह बकरियों में इंसानी भावों को पढ़ने की क्षमता का पहला सबूत है. नावरोथ के मुताबिक, "अपने आसपास का माहौल समझने में पशुओं का दिमाग काफी विवेकशील होता है. वे आदमी के चेहर के भावों को समझ कर उसके मुताबिक अपने व्यवहार को ढाल लेते हैं."
बकरियों को आम तौर पर उनसे मिलने वाले दूध और मांस के लिए पाला जाता रहा है. लेकिन अब तक यह नहीं पता था कि उनमें इंसानी भावनाओं की इतनी समझ होती है जैसी कि कुत्तों या घोड़े जैसे पशुओं में होती है.
एक अन्य रिसर्चर एलन मैकइलिगोट कहते हैं, "यह अध्ययन मवेशियों और अन्य पशुओं के साथ हमारे संपर्क के तौर तरीकों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि इंसानी भावों को समझने की क्षमता सिर्फ पालतू जानवरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह काफी व्यापक हो सकती है."
टीम ने पाया कि जब हंसते-खिलखिलाते चेहरों वाली तस्वीरों को गुस्से वाली तस्वीर की दाईं तरफ रखा गया तो भी बकरियां खुशी वाली तस्वीरों की तरफ गईं. इससे पता चलता है कि ये पशु किसी सकारात्मक भाव को समझने के लिए दिमाग के बाएं हिस्से का प्रयोग करते हैं.
एए/एके (एएफपी)