1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

बच्ची के बिस्तर पर पेशाब करने की सजा मौत

९ अप्रैल २०१९

एक जर्मन महिला पर एक पांच साल की यजीदी बच्ची की हत्या का आरोप लगा है. महिला आतंकी संगठन आईएस से जुड़ी हुई थी.

https://p.dw.com/p/3GVpF
Syrien Befreiung IS-Gebiete Frauen
तस्वीर: AFP/D. Souleiman

एक पांच साल की यजीदी बच्ची को गुलाम बनाकर उसे तड़पाकर प्यासा मार देने के आरोप में पकड़ी गई एक जर्मन महिला के खिलाफ अब मुकदमा शुरू हुआ है. इस 27 वर्षीय महिला का नाम जेनिफर वेनिश बताया गया है. इस महिला पर हत्या, युद्ध अपराध, एक आंतकी संगठन की सदस्यता लेने की धाराएं लगाई गई हैं. अगर जेनिफर को दोषी पाया गया तो उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है. यह महिला कथित रूप से इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़ी हुई थी.  

कैसे इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़ी ये महिला

इस महिला ने आठवीं क्लास तक पढ़ाई की है. जर्मनी के लोअर सैक्सनी की रहने वाली ये महिला प्रोटेस्टेंट थी लेकिन 2013 में उसने इस्लाम अपना लिया. महिला पर आरोप है कि साल 2014 में तुर्की और सीरिया होते हुए वो इराक पहुंची. 2015 में वो आईएस के मोरल पुलिस ग्रुप के साथ जुड़ गई. वो फलुजहा और मोसुल के पार्कों में पेट्रोलिंग का काम करती थी. इसके पास राइफल, पिस्टल के साथ आत्मघाती बेल्ट भी थी. इसका काम मुख्य रूप से आईएस के नियमों का पालन नहीं कर रही महिलाओं की तलाश करना था.

पांच साल की बच्ची की हत्या कैसे की

महिला और इसके पति ने 2015 की गर्मियों के मौसम में एक पांच साल की यजीदी बच्ची को खरीदा था. उसे गुलाम बनाकर रख लिया. एक दिन बच्ची ने अपने बिस्तर में पेशाब कर दिया. इस पर नाराज होकर महिला और उसके पति ने बच्ची को घर के बाहर बांध दिया. तेज गर्मी में बच्ची घर के बाहर बंधी हुई प्यासी मर गई.

इस महिला को अंकारा के जर्मन दूतावास में हिरासत में लिया गया जब वो अपने पासपोर्ट और पहचान पत्र को रिन्यू करवाने आई थी. उसे वहां से जर्मनी भेज दिया गया. तब तक जांच अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी. 2018 में दोबारा सीरिया जाने की कोशिश करते हुए वो फिर से पकड़ी गई और मामला सामने आया. उसका पति अब भी इराक और तुर्की के इलाके में है. बच्ची की मां को इस मामले में गवाही देने के लिए बुलाया जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएस ने चार लाख के करीब यजीदियों को नुकसान पहुंचाया है. उन्हें या तो बंधक बना लिया गया या मार दिया गया. लड़कों को आईएस ने अपना सैनिक और लड़कियों और महिलाओं को गुलाम बना लिया. साथ ही जिन यजीदियों ने इस्लाम नहीं कबूला उनकी हत्या कर दी गई.