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भारत में तेजी से फैलता फूलों का बाजार

२० मई २०११

एक दशक पहले राहुल पवार ने पारंपरिक खेती के बजाए कुछ अलग करने की सोची जिसमें जोखिम था. फूल उगाने को अपना पेशा बनाने वाले पवार अब इससे काफी मुनाफा भी कमा रहे हैं क्योंकि भारत में फूलों का इस्तेमाल बढ़ रहा है.

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तस्वीर: dapd

महाराष्ट्र के राहुल पवार ने बताया कि उनका व्यापार तेजी से आगे बढ़ रहा है. "हर साल हम मांग में बढ़ोत्तरी देख रहे हैं. शादी सहित कई अन्य समारोहों में अब फूलों का इस्तेमाल बढ़ रहा है. लोग नए तरह के फूलों के लिए ज्यादा कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं." महाराष्ट्र की भीषण गर्मी में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच जाता है इसलिए जलवायु को नियंत्रित करने वाली परिस्थितियों में विदेशी फूलों को उगाया जाता है.

Flash-Galerie Geruch
तस्वीर: picture alliance/dpa

महाराष्ट्र में गन्ना का उत्पादन होता है जिससे हर साल 90 लाख टन चीनी बनाई जाती है. यह भारत के कुल उत्पादन का लगभग 40 फीसदी है. लेकिन लोग अब अलग तरह की फसलों में दिलचस्पी ले रहे हैं. राहुल पवार ने फूलों को उगाने का फैसला कर जोखिम तो लिया लेकिन इसमें ज्यादा पैसा भी बनाया जा सकता है.

Eine Blumenwiese.
तस्वीर: CC-BY-Dr. G. Briemle

वह कहते हैं, "अन्य पारंपरिक फसलों की तुलना में फूल बेचने में ज्यादा मुनाफा होता है लेकिन उसके लिए शुरुआत में निवेश भी ज्यादा करना होता है. मुनाफा कमाने के लिए आपको करीब चार पांच साल इंतजार करना होता है." भारत में फूलों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. आठ प्रतिशत की गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था से मध्य वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ी है और अब शादियों और अन्य समारोहों में फूलों का इस्तेमाल बढ़ रहा है. राहुल पवार का कहना है कि हर साल फूलों की मांग में इजाफा हो रहा है.

देश के ग्रामीण इलाकों में अब फूलों का उत्पादन कर वैश्विक बाजार में अपना हिस्सा लेना चाहते हैं जहां नीदरलैंड्स का दबदबा है. लेकिन अभी भारतीय उत्पादकों को काफी लंबा सफर तय करना है. राहुल पवार के मुताबिक भारत में किसानों के पास निर्यात करने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. जब एक बार भारत में यह सुविधा शुरू होती है तो ही अंदाजा लग सकेगा कि अन्य देशों के मुकाबले में भारतीय किसान कितना मुनाफा कमा पाते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार