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समाज

भारत ही नहीं, यूरोप-अमेरिका भी गर्मी से बेहाल

२५ जून २०१९

24 जून से शुरू हुआ सप्ताह उत्तरी यूरोपीय देशों के पसीने छुड़ा रहा है. जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में प्रशासन ने गर्मी का अलर्ट जारी कर दिया है. विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया भर में गर्म हवाओं का सिलसिला बढ़ रहा है.

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Frankreich | Hitzewelle
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Huguen

गर्म हवाओं के चलते जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम जैसे देशों में गर्मी अपने चरम पर है. प्रशासन के मुताबिक आने वाले दिनों में मौसम और भी गर्म रह सकता है. जर्मनी में तापमान 40 डिग्री तक जाने के आसार हैं. अब तक जर्मनी में सबसे अधिक तापमान 38.2 डिग्री साल 1947 के दौरान फ्रेंकफर्ट में दर्ज किया गया था. जर्मनी आमतौर पर यूरोप का एक ठंडा देश माना जाता है, जहां घरों में आम तौर पर पंखे नहीं लगाए जाते लेकिन बढ़ती तपन के चलते अब लोग एसी, पंखे की ओर जाने लगे हैं.

जलवायु रिसर्चर आंद्रेयास मार्क्स ने जर्मनी में चल रही गर्म हवाओं की तुलना साल 2018 में पड़े सूखे से करने को लेकर लोगों को आगाह किया. एक जर्मन टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, "मौसम के लिहाज से 2018 एक भयानक साल था, और भयानक घटनाएं कभी-कभार ही होती हैं." गर्म मौसम के अलावा जंगलों में लगने वाली आग भी उत्तर पूर्वी इलाकों में जर्मन प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. जर्मन मौसम विभाग ने गर्मी के पिछले सभी रिकॉर्ड टूटने का अनुमान जताया है.

फ्रांस का हाल भी काफी कुछ जर्मनी जैसा ही है. फ्रांस के मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि तापमान 40 डिग्री तक पहुंच सकता है. फ्रांस के मौसम विभाग के इमानुएल दुमाएल ने कहा, "ये अभूतपूर्व मौसम है क्योंकि गर्मी जून में जल्दी शुरू हो गई. हमने साल 1947 के बाद से ऐसा कभी नहीं देखा."

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने भी लोगों से अतिरिक्त एतियात बरतने की अपील की है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक यूरोप में गर्म हवाएं बढ़ गई हैं, जो जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं. पोस्टडाम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च से जुड़े स्टेफान राह्मस्टोर्फ ने कहा, "गर्मी में इजाफा वैसा ही है जिसकी घोषणा जलावायु विज्ञान ने ग्लोबल वार्मिंग के परिणामों के रूप में की थी. ग्लोबल वार्मिंग  ग्रीनहाउस गैसों के चलते होती हैं."

अमेरिकी मेक्सिको बॉर्डर

गर्मी अमेरिका और उसके आसपास के इलाकों में भी परेशान कर रही है. अमेरिकी प्रशासन के मुताबिक अमेरिकी-मेक्सिको बॉर्डर के पास गर्मी के चलते करीब सात प्रवासियों की मौत हो चुकी है. मध्य अमेरिकी देशों के कई परिवार अमेरिका में शरण चाहते हैं. मरने वालो में एक औरत और तीन बच्चे भी शामिल थे.

भारत में मरते बच्चे

वहीं भारत के बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम के चलते करीब 129 बच्चों की मौत हो चुकी है. स्थानीय भाषा में इसे चमकी बुखार भी कहा जाता है. प्रचंड गर्मी के मौसम में बीमारी फैलाने वाला वायरस ज्यादा सक्रिय होता है जिसके चलते ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे थे. हाल में हुई बारिश से इसके मामले कुछ थमते जरूर नजर आए हैं.

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एए/एके (एपी, रॉयटर्स, डीपीए)

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