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भारत-चीन सीमा पर गोलीबारी?

चारु कार्तिकेय
८ सितम्बर २०२०

लद्दाख में भारत और चीन के बीच महीनों से चल रहे सीमा गतिरोध के बीच चीन ने दावा किया है कि सोमवार रात भारतीय सैनिकों ने इलाके में गोलियां चलाईं.

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Konflikt China Indien | Ganderbal-Grenze
तस्वीर: picture-alliance/ZUMA Press/I. Abbas

चीन ने यह भी कहा है कि इसके बाद चीनी सैनिकों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. गोलीबारी में किसी की जान जाने की कोई सूचना अभी तक नहीं मिली है. चीन की सेना पीएलए के एक प्रवक्ता ने कहा कि "भारतीय सैनिकों ने गैर-कानूनी तरीके से वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे और शेनपाओ पर्वत इलाके में घुस आए. इस दौरान भारतीय सेना ने वहां अपनी बात रखने आए चीन के सीमा रक्षकों को धमकाने के लिए गोलीबारी की, जिसके बाद स्थिति को स्थिर करने के लिए सीमा रक्षकों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी."

चीन ने स्पष्ट नहीं किया कि "जवाबी कार्रवाई" क्या थी. भारत ने इस पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. चीन के बयान में यह भी कहा गया कि यह "एक बहुत ही बुरा और गंभीर रूप से उकसाने वाला काम है."

पैंगोंग झील का दक्षिणी किनारा दोनों सेनाओं के बीच तनाव का नया इलाका बना हुआ है. पिछले हफ्ते इसी इलाके में भारतीय सैनिकों द्वारा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कुछ ऊंचे स्थानों पर अपना कब्जा जमाने की खबर आई थी.

इसका भी चीन ने विरोध किया था, लेकिन भारत ने कहा था की सेना ने चीनी सेना द्वारा संभावित कार्रवाई को पहले से भांपते हुए यह कार्रवाई की थी. इसके बाद सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित "तनावपूर्ण" है. जानकार भी मान रहे हैं कि हालात ऐसे मोड़ पर हैं कि दोनों सेनाओं के बीच अगर कोई भी गलतफहमी हुई तो बड़ा हादसा हो सकता है.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि स्थिति बहुत गंभीर है और इस समय दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर गहन बातचीत की जरूरत है. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने रूस की राजधानी मॉस्को के लिए रवाना हो चुके हैं. चीन भी संगठन का सदस्य होने चीनी विदेश मंत्री भी मॉस्को में मौजूद होंगे और उम्मीद की जा रही है कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच लद्दाख में तनाव पर बातचीत होगी.

मॉस्को में ही पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री से मिले थे. मुलाकात के बाद जारी किए गए आधिकारिक बयानों के मुताबिक दोनों पक्षों ने मौजूदा तनाव के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन इसके साथ साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई आपसी समस्याओं को बातचीत से हल करने को लेकर हुई सहमति को लागू करने की इच्छा जताई.

भारत ने किया इनकार

भारतीय सेना ने चीन के दावों से इनकार किया है. एक ताजा बयान में भारतीय सेना ने कहा है कि सेना ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन नहीं किया और ना ही इलाके में गोलीबारी या दूसरी कोई आक्रामक कार्रवाई की. सेना का कहना है कि सोमवार को उलटे पीएलए के सैनिक इलाके में भारत की एक अग्रणी चौकी को घेरने की कोशिश कर रहे थी और जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें ऐसा ना करने के लिए कहा तब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को डराने के लिए हवा में गोलियां चलाईं.

सेना ने कहा है कि उकसाने वाली इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद भारतीय सैनिकों ने खुद पर नियंत्रण रखा. सेना ने यह आरोप भी लगाया कि पीएलए ने बयान चीन के अंदर और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में लोगों को भटकाने के लिए दिया था.

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