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मुंबई हमलों में पाक सेना का हाथः निकम

१० मार्च २०१०

मुंबई हमलों के सिलसिले में पाकिस्तानी सेना पर भी उंगली उठ रही है. मामले की आख़िरी सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने कहा कि हमलों में पाकिस्तानी सेना शामिल थी और उसके मेजर जनरल की निगरानी में लश्कर के आतंकियों की ट्रेनिंग हुई.

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तस्वीर: AP

अपनी दलीलें पेश करते हुए सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि मुंबई हमलों के दौरान पकड़े गए इकलौते संदिग्ध आतंकवादी अजमल क़साब और उसके नौ साथियों को पाकिस्तानी सेना की देखरेख में लश्कर-ए-तैयबा के शिविर में सैन्य और ख़ुफ़िया ट्रेनिंग दी गई. निकम ने कहा, "मुंबई हमलों की साज़िश पाकिस्तानी ज़मीन पर रची गई. इससे यह भी पता चलता है कि इसमें वहां की सरकार का हाथ था."

Staatsanwalt von Maharashtra Ujjwal Nikkam
उज्ज्वल निकमतस्वीर: Fotoagentur UNI

पाकिस्तान इस तरह के आरोपों को शुरुआत से ही ख़ारिज करता रहा है. हालांकि उसने यह माना है कि इसके पीछे पाकिस्तान में बैठे ऐसे तत्व ज़िम्मेदार हो सकते हैं जिनका सरकार से कोई वास्ता नहीं है जिन्हें नॉन स्टेट एक्टर का नाम दिया गया है.

मुंबई हमलों से जुड़े मुक़दमे में सरकारी वकील निकम ने अजमल क़साब के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि इस आतंकवादी साज़िश में पाकिस्तानी सेना सीधे तौर पर जुड़ी हुई थी. उन्होंने कहा, "क़साब ने क़बूल किया है कि उनकी ट्रेनिंग के दौरान एक मेजर जनरल मौजूद था और उसी की निगरानी में ट्रेनिंग होती थी."

Ajmal Amir Kasab Mumbai
तस्वीर: AP

निकम के मुताबिक़ हमलावरों को इस मेजर जनरल का नाम जानबूझ कर नहीं बताया गया क्योंकि वह सेना में बड़े पद पर तैनात है. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना और लश्कर-ए-तैयबा के बीच साठगांठ रही है, जिस पर जानबूझकर पर्दा डाला जाता रहा है.

इस मामले में क़साब पर 166 लोगों की हत्या के आरोप तय किए गए हैं, वहीं दो भारतीय नागरिकों फ़हीम अंसारी और शहाबुद्दीन अहमद पर हमलों के दौरान निशाना बनीं जगहों के नक्शे तैयार करने और उन्हें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के देने के आरोप हैं. आज इस मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान कुछ समय के लिए महाराष्ट्र के गृह मंत्री आरआर पाटिल और गृह राज्यमंत्री रमेश भागवे भी अदालत में आए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल