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मैच फिक्सिंग स्कैंडल से सदमे में पाकिस्तान

२९ अगस्त २०१०

पाकिस्तानी टीम के कुछ खिलाड़ियों पर लगे स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से देश सदमे की स्थिति में है. आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष अहसान मनी ने कहा है कि इस घटना से उन्हें बड़ा धक्का लगा है.

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पाकिस्तानी कप्तान सलमान बटतस्वीर: AP

अहसान मनी ने जियो सुपर चैनल को बताया, "मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि यह कैसे हो सकता है. पाकिस्तानी टीम का मैनेजमेंट क्या कर रहा था? लेकिन मैं इसके लिए आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधी यूनिट को भी दोषी मानता हूं. अगर एक अखबार इस सबका खुलासा कर सकता है, तो वे लोग क्या कर रहे हैं? यह क्रिकेट के लिए शर्मनाक बात है."

पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान आमिर सोहेल का कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को टीम मैनेजमेंट और उन खिलाड़ियों को फौरन वापस बुला लेना चाहिए, जिन पर इल्जाम लगाए गए हैं. सोहेल ने कहा, "यह पाकिस्तान क्रिकेट के लिए शर्म की बात है. मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड या मैनेजमेंट अब कुछ कर सकता है. यह सब तो उनकी नाक के नीचे हो चुका है." उन्होंने कहा कि अब तो राष्ट्रपति को ही कुछ करना चाहिए ताकि दुनिया देखे कि हम खेलों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए गंभीर हैं.

साल 2000 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पूर्व कप्तान सलीम मलिक पर मैच फिक्सिंग का दोष साबित होने के बाद आजीवन बैन लगा दिया था. तब कुछ और खिलाड़ियों पर भी जुर्माना लगाया गया. इसी साल ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बाद कुछ खिलाड़ियों पर आरोप लगे कि वे जानबूझ कर अच्छा नहीं खेले. इन आरोपों की जांच भी हुई. इसके बाद सात खिलाड़ियों पर कार्रवाई हुई. लेकिन उनमें से पांच को माफ कर दिया गया और उन्हें टीम में दोबारा शामिल कर लिया गया.

पाकिस्तानी संसद की खेल समिति के सदस्य सांसद हारून अख्तर ताजा स्कैंडल के लिए पाकिस्तान बोर्ड को जिम्मेदार मानते हैं. उन्होंने कहा, "बोर्ड ने वादा किया था कि वह ऐसे खिलाड़ियों को नहीं बख्शेंगे जिन पर घपले में हाथ होने का शक है. लेकिन बोर्ड के चेयरमैन अपनी बात पर खरे नहीं उतर सके."

अख्तर ने कहा कि नया विवाद बोर्ड की भ्रष्ट खिलाड़ियों पर कार्रवाई न कर पाने की असफलता का ही नतीजा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि खिलाड़ियों को वापस बुलाया जाए और उन पर देश के कानून के तहत कार्रवाई की जाए.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम