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समाज

मोटे लोगों की महंगी मौत

२२ फ़रवरी २०१९

न्यूजीलैंड में मोटे और लंबे चौड़े लोगों की मौत अब पहले के मुकाबले ज्यादा महंगी साबित होगी. अंतिम संस्कार करने वाली काउंसिल ने बड़े ताबूतों को जलाने की फीस बढ़ाने का फैसला किया है.

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Fettleibigkeit USA
तस्वीर: Imago

न्यूजीलैंड में लोग मोटे और भारी भरकम होते जा रहे हैं. यही वजह है कि एक सिटी काउंसिल अब बड़े ताबूतों के लिए ज्यादा फीस वसूलने जा रही है. हॉकेज बे में अंतिम संस्कार करने वाली समिति ने इस बाबत एक रिपोर्ट तैयार की है. काउंसिल रिपोर्ट के मुताबिक औसत कद काठी के शव का अंतिम संस्कार करने में करीब ढाई घंटे लगते हैं. लेकिन बड़े ताबूत को अंतिम संस्कार वाली भट्टी में जलाने में साढ़े चार से साढ़े पांच घंटे लगते हैं.

इस बात का जिक्र करते हुए काउंसिल रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत से बड़े ताबूतों में रखे शवों के अंतिम संस्कार को 200 न्यूजीलैंड डॉलर (137 अमेरिकी डॉलर) महंगा किया जाए. उत्तरी द्वीप की हैस्टिंग डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक अतिरिक्त शुल्क को मशीन और दाहगृह के रखरखाव में खर्च किया जाएगा.

वयस्कों में मोटापे के मामले में न्यूजीलैंड, ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनोमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलवमेंट (OECD) के देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है. 2016-17 में हुए एक सर्वे के दौरान पता चला कि देश में तीन में से एक शख्स मोटापे का शिकार है. देश के 34 फीसदी वयस्क इसके शिकार हैं.

Infografik Übergewicht und Fettleibigkeit bei Kindern und Jugendlichen ENG
भारत समेत दुनिया के कई देशों में किशोर मोटापे की चपेट में आ चुके हैं.

न्यूजीलैंड में कब्रिस्तान और अंतिम संस्कार करने की देखरेख करने वाले विभाग की चेयरपर्सन शेली एंगस कहती हैं, "अगर हैस्टिंग अतिरिक्त शुल्क लेना शुरू नहीं करेगा तो कोई और स्थानीय प्रशासन ऐसा करेगा, क्योंकि आकार के मामले में जनसंख्या इसी तरफ जा रही है."

एंगस के मुताबिक न्यूजीलैंड में लोगों की लंबाई भी बढ़ रही है और मोटापा भी, इसकी वजह से अंतिम संस्कार पहले के मुकाबले ज्यादा खर्चीला हो चुका है. ईसाई बहुल आबादी वाले न्यूजीलैंड में ज्यादातर लोग अंतिम संस्कार के लिए शवदाह को पंसद करते हैं. इस प्रक्रिया के तहत ताबूत में रखे शव को भट्टी में डालकर आग लगा दी जाती है. शव और ताबूत के जलने के बाद बची राख को एक पॉट में भरकर परिवार को दे दिया जाता है. ज्यादातर लोग इस पॉट को गाड़ देते हैं. कुछ परिवार राख को समंदर में भी बहा देते हैं.

ओएसजे/एमजे (डीपीए)