1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

म्यूनिख में ईरान पर दबाव

३ फ़रवरी २०१३

जर्मनी में चल रहे म्यूनिख सुरक्षा सम्मलेन में ईरान पर दबाव बनता दिखा. अमेरिका और इस्राएल ईरान की परमाणु नीति के खिलाफ हैं तो असद से नजदीकी को ले कर भी ईरान पर गाज गिरी है.

https://p.dw.com/p/17XKq
तस्वीर: Reuters

ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सलेही ने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ अपनी परमाणु नीति पर चर्चा करने को तैयार है बशर्ते वॉशिंगटन की इसके पीछे कोई गलत मंशा ना हो. एक दिन पहले ही अमेरिका के उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेहरान के आगे यही पेशकश रखी थी. बाइडेन ने शनिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मलेन में कहा, "हम ईरान के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हैं. हमने यह प्रस्ताव अब भी रखा हुआ है, लेकिन ईरान को इसे संजीदगी से लेना होगा."

München Sicherheitskonferenz Joe Biden
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जो बाइडेनतस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिका और इस्राएल समेत पश्चिमी देशों को इस बात का संदेह है कि ईरान परमाणु ऊर्जा की आड़ में परमाणु हथियार बना रहा है. ईरान लगातार इस आरोप को खारिज करता आया है. अमेरिका और यूरोपीय संघ कई बार ईरान पर पाबंदियां लगा चुके हैं. इसके बावजूद जनवरी में ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि वह अपने यूरेनियम के भंडार बढ़ाने जा रहा है.

इस्राएल के रक्षा मंत्री एहुद बराक ने कड़े शब्दों में कहा, "हम ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए हर विकल्प की ओर ध्यान देंगे." म्यूनिख सुरक्षा सम्मलेन में बराक ने इस्राएल का मत साफ साफ रखते हुए कहा, "जब हम कुछ कहते हैं तो उसका मतलब भी वही होता है और दूसरे भी उसका मतलब वही समझें."

München Sicherheitskonferenz Ehud Barak
इस्राएल के रक्षा मंत्री एहुद बराकतस्वीर: Reuters

सालेही ने अमेरिका के प्रस्ताव का जवाब देते हुए सम्मलेन में कहा, "हां , हम मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. लेकिन हमें यह बात सुनिश्चित करनी होगी कि दूसरे पक्ष की नीयत सही है और वह वाकई इस मुद्दे का सही तरीके से हल निकलना चाहता है."

अमेरिका को पिछली बातचीत की विफलता का दोष देते हुए सलेही ने कहा, "यदि दूसरा पक्ष वाकई निष्कपट बातचीत करना चाहता है, तो हम इस बारे में संजीदगी से सोच सकते हैं." सलेही सम्मलेन के दौरान अमेरिका को साफ शब्दों में ईरान का दुश्मन कहने से भी नहीं चूके, "हमें लगता है कि दुश्मनों को दोस्त बना लेने में ही समझदारी है, लेकिन हम अपनी स्वतंत्रता को अहम मानते हैं."

München Sicherheitskonferenz Ali Akbar Salehi
ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सलेहीतस्वीर: Reuters

वहीं इस्राएल के एहुद बराक ने भी बिना घुमा फिरा कर ना करते हुए कहा, "जहां भी आप आतंक के निशान पाएंगे, वहां आपको ईरान की छाप मिल ही जाएगी." बराक ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही सीरिया में बशर अल असद की सरकार गिर जाएगी और यह ईरान के लिए एक बड़ा झटका होगा. ईरान और रूस असद के बड़े समर्थक हैं. सुरक्षा सम्मलेन के दौरान सीरिया का मुद्दा बार बार उठता रहा और इसे ईरान से जोड़ा जाता रहा.

सीरिया के मुद्दे पर सलेही ने कहा, "यदि हम (सीरिया में) हिंसा रोकना चाहते हैं तो हमें किसी एक पक्ष को दोषी ठहराना बंद करना होगा." असद के देश छोड़ने के बारे में कोई बात ना करते हुए सलेही ने कहा कि सीरिया में शांति तब ही आ सकती है अगर वहां चुनाव कराए जाएं. सीरिया में चल रहे गृह युद्ध में अब तक 60,000 लोगों की जान जा चुकी है.

आईबी/एएम (रॉयटर्स, डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें