1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई

२७ जुलाई २०१०

भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए मंगलवार को अपनी प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस साल यह चौथा मौका है जब आरबीआई को अपनी ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी हैं.

https://p.dw.com/p/OVQ2
तस्वीर: AP

मार्च 2011 तक महंगाई को कम करने और मुद्रास्फीति की दर को छह प्रतिशत लाने के उद्देश्य से ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं जो अभी दो अंकों में चल रही है. लेकिन इस कदम से बैंकों की ब्याज दरों पर असर पड़ेगा. मंगलवार को आरबीआई ने अल्पकालिक ऋणों की दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा दी.

बैंकों के लिए कैश रिजर्व रेशो (सीआरआर) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. मौद्रिक समीक्षा में आरबीआई ने कहा कि इस वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा बढ़ेगी. अल्पकालिक ऋण दर (रेपो) को बढ़ा कर 5.75 किया गया है, वहीं रिवर्स रेपो अब 4.5 फीसदी हो गई है. ये बढ़ोतरी तुरंत लागू होगी.

इस महीने, रेपो और रिवर्स रेपो, दोनों दरों में 0.25 की बढ़ोतरी की गई थी. चूंकि पिछले पांच महीने से मंहगाई काबू में नहीं आ रही और मुद्रास्फीति की दर दहाई के आंकड़े में चल रही है, इसलिए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है. रेपो रेट पर बैंकें रिजर्व बैंक से ऋण लेती हैं जबकि रिवर्स रेपो रेट पर रिजर्व बैंक दूसरी बैंकों से धन उधार पर लेती है.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी