1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सऊदी अरब में किफायती घरों को तरसते लोग

३१ मई २०१८

सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस अत्याधुनिक रोबोटों से लैस एक मेगासिटी बनाना चाहते हैं लेकिन दूसरी तरफ आम लोग घरों के लिए तरस रहे हैं.

https://p.dw.com/p/2yho4
Saudi Arabien Königsturm in Riad
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Schreiber

पेशे से सरकारी नौकर आमेर अल गामदी का एक ही सपना है कि वह किफायती दामों में अपना एक घर खरीद पाएं. गामदी और उनकी जैसी आर्थिक स्थिति वाले 12 लाख लोगों का अपना घर खरीदने का सपना तभी साकार होगा जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सुधारों का फायदा सिर्फ अमीरों को नहीं, बल्कि आम लोगों को भी हो.

गामदी की उम्र 35 साल है और उन्हें 2,670 डॉलर के आसपास महीने की सैलरी मिलती है. लेकिन इसका बड़ा हिस्सा उस लोन को चुकाने में चला जाता है जो उन्होंने अपनी शादी करने और कार खरीदने के लिए लिया था. अब गामदी और उनकी पत्नी हनान के तीन बच्चे हैं और बचत करना उनके लिए बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में, मकान खरीदने का तो सवाल ही नहीं उठता है.

सऊदी अरब में एक अमेरिकी प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी के प्रमुख इब्राहिम अलबुलोशी बताते हैं कि सऊदी शहरों में 250 वर्ग मीटर के एक घर की कीमत 1.86 लाख से 2.26 लाख डॉलर के बीच है. यह खाड़ी देशों में कम आमदनी वाले किसी परिवार की सालाना सैलरी का लगभग दस गुना है.

ये घर है या टॉयलेट 

सऊदी राजधानी रियाद में रहने वाले गादमी कहते हैं, "मैंने कोशिश की थी कि मेरा एक रिश्तेदार मेरा लोन चुका दे और मुझे बैंक से नया लोन लेने के लिए डाउन पेमेंट भी दे दे, लेकिन ब्याज बहुत ही ज्यादा है और मैं पहले ही इतना दे रहा हूं."

सऊदी अरब दुनिया में तेल का सबसे बड़ा निर्यायक है. ज्यादा समय नहीं बीता है जब पेट्रोल की दौलत से अमीर हुए सऊदी अरब में सरकार लोगों को बड़ी सुविधाएं देती थी. टैक्स लगभग ना के बराबर लिया जाता था. लेकिन तेल के दामों में आई गिरावट ने सऊदी अरब की आमदनी पर बड़ा असर डाला और देश की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी.

ऐसे में वित्तीय अनुशासन और किफायत की जरूरत बढ़ गई. इसीलिए क्राउन प्रिंस अर्थव्यवस्था में कई सुधार ला रहे हैं और तेल पर उसकी निर्भरता को कम कर रहे हैं. हालांकि पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक खुद क्राउन प्रिंस ने फ्रांस में 30 करोड़ डॉलर का एक महल और 50 करोड़ डॉलर की एक नौका खरीदी है.

सऊदी अरब में बढ़ती जनसंख्या ने भी घरों की किल्लत को बढ़ाया है. सऊदी अरब की जनसंख्या 2017 में 3.25 करोड़ हो गई. 2004 से तुलना करें तो इसमें 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. राजधानी रियाद का आकार भी बढ़ रहा है.

पानी पर तैरते घरों में रहना चाहेंगे..

सऊदी आवास मंत्री का कहना है कि वह अगले पांच साल के भीतर 10 करोड़ डॉलर के निवेश से दस लाख घर तैयार करने की योजना बना रहे हैं. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर बनने वाले इन घरों के लिए दक्षिण कोरियाई और चीन के साथ समझौते किए गए हैं. अमेरिकी कंपनियों ने भी इस बारे में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.

मंत्रालय का कहना है कि 2020 तक 60 प्रतिशत सऊदी लोगों के पास अपने घर होंगे. लोन को आसान बनाने के लिए मंत्रालय स्थानीय बैंकों के साथ भी काम कर रहा है. अभी लगभग पांच लाख लोग मंत्रालय की आवास एजेंसी सऊदी रियल इस्टेट डिवेलपमेंट फंड की वेटिंग लिस्ट में है. यह एजेंसी लोगों को घर खरीदने के लिए बिना ब्याज लोन मुहैया कराती है. गामदी 2011 से इस वेटिंग लिस्ट में है और उन्हें जल्द किसी अच्छी खबर की उम्मीद नहीं है. उन्होंने अपनी पत्नी से भी नौकरी तलाशने को कहा है. लेकिन उन्हें एक फूड फैक्ट्री से जो नौकरी का ऑफर आया उसमें सिर्फ साढ़े तीन हजार रियाल (933 डॉलर) की सैलरी ऑफर की गई, जो उनकी छोटी बेटी को नर्सरी में रखने और आने जाने पर ही खर्च हो जाएगी.

दो छतों वाला घर

वहीं, 30 वर्षीय इंजीनियर सलमान अल-शेदूखी की महीने की आमदनी 15,000 रियाल (4000 डॉलर) है. वह भी अकसर सोचते हैं कि क्या उन्हें सरकार की तरफ से बनाए जाने वाले किफायती घरों में से कोई एक घर मिलेगा. वह कहते हैं, "बैंक से अगर आप नौ लाख रियाल का घर खरीदने के लिए लोन देते हैं तो आपको लगभग उसका दोगुना चुकाना पड़ता है. इसका मतलब है कि बीस साल तक मुझे अपनी सैलरी का आधा हिस्सा बैंक को देने पड़ेगा."

पैसे बचाने के लिए वह अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ अपने पिता के घर में रह रहे हैं. लेकिन कुछ साल पहले शादी के लिए लिया गया कर्ज अब भी उनके सिर पर चढ़ा हुआ है. एक सरकारी सलाहकार संस्था शूरा काउंसिल आवास मंत्रालय पर तेजी से काम ना करने का आरोप लगाती है जिससे आम लोगों को किफायती दामों पर घर नहीं मिल रहे हैं. इसी के कारण हाल के सालों में मंत्रालय के कई अधिकारियों को हटाया भी गया है.

एके/आईबी (रॉयटर्स)

ये ऐसे घर ये वैसे घर

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी