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सचिन, धोनी ने चौथे दिन भारत की हार टाली

१९ दिसम्बर २०१०

सेंचुरियन टेस्ट में सचिन के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत की स्थिति नाजुक बनी हुई है. टीम पर अब भी पारी की हार का संकट बरकरार है. चौथे दिन के आखिरी सत्र में धोनी का आउट होना महंगा पड़ा.

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तस्वीर: AP

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सातवें विकेट के लिए 117 रन की जबरदस्त साझेदारी निभाई और दक्षिण अफ्रीका की बढ़त को घटाकर 35 तक पहुंचा दिया. सचिन के 50वें टेस्ट शतक से माहौल भी खुशनुमा हो चुका था. लेकिन तभी भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा.

90 रन पर खेल रहे धोनी को स्टेन ने चकमा दे दिया. इस तरह 449 के स्कोर पर भारत का सातवां विकेट गिरा. इसके बाद सचिन का साथ देने हरभजन सिंह आए लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ किया गया प्रदर्शन नहीं दोहरा सके. एक रन से खाता खोलते ही उन्हें हैरिस ने विदा कर दिया.

फिलहाल क्रीज पर 107 रन बना चुके सचिन हैं. उनका साथ श्रीसंत दे रहे हैं. चौथे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने आठ विकेट पर 454 रन बना लिए हैं. दक्षिण अफ्रीका अब भी 30 रन की बढ़त बनाए हुए हैं. ऐसे में भारतीय टीम के मैच बचाने की उम्मीदें न के बराबर दिखाई पड़ती हैं.

Kricket Mahendra Singh Dhoni und Graeme Smith
तस्वीर: AP

दो ही तरह के समीकरणों में मैच बच सकता है. पहला या तो सोमवार को दिन भर बारिश हो जाए. शनिवार शाम को मौसम खराब होने के बाद भारतीय खेमा ऐसी दुआ कर सकता है. दूसरा विकल्प है कि श्रीसंत न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस तरह खूंटा गाड़कर खड़े रहे वैसा ही सेंचुरियन में भी करें, ऐसी स्थिति सचिन को ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक अपने पास रखनी होगी. लेकिन 90 ओवर तक ऐसी उम्मीद करना बेईमानी होगी.

इससे पहले रविवार को चौथे दिन का खेल शुरू होते ही लगने लगा कि भारत दोपहर तक हार जाएगा. नाइट वाचमैन के रूप में भेजे गए ईशांत शर्मा सुबह पिच पर टिकी नमी झेल गए. उन्होंने 23 रन जोड़े लेकिन ईशांत का विकेट गिरने के बाद द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर से जैसे तैसे पारी संभालने की अतिआशावादी उम्मीदें की जाने लगीं.

दक्षिण अफ्रीका भी राहुल द्रविड़ के विकेट का महत्व समझते हुए लगातार उसे गिराने की कोशिश में जुटा रहा और आखिरकार ड्रिंक्स से ठीक पहले मोर्केल ने दीवार को ढहा ही दिया. मोर्केल ने 46वें ओवर से ही द्रविड़ को लगातार परेशानी में डाल रखा था. उन्हें हल्का स्विंग भी मिला जिसकी मदद से 65वें ओवर में उन्होंने मिस्टर भरोसेमंद को पैवेलियन भेज दिया. ऑफ स्टंप पर गुड लेंथ पर टप्पा खाती हुई गेंद द्रविड़ के बल्ले का किनारा चूमती विकेटकीपर मार्क बाउचर के दस्तानों में समा गई. राहुल ने 43 रन बनाए.

इस तरह 242 के स्कोर पर भारत का चौथा विकेट गिरा. इसके बाद क्रीज पर मास्टर ब्लास्टर का साथ देने वेरी वेरी स्पेशल वीवीएस लक्ष्मण आए. भारत रनों के भारी बोझ के नीचे दबा था. मैच का चौथा दिन चल रहा था और किसी तरह हार टालने के लिए संघर्ष हो रहा था. यानी परिस्थियां बिल्कुल लक्ष्मण स्टाइल की हो चुकी थीं. लेकिन इस बार लक्ष्मण वह कमाल नहीं दिखा पाए. आठ रन के स्कोर पर उन्हें ट्सोट्सोबे ने वापस भेज दिया और टीम इंडिया की हार की पटकथा तैयार कर दी. रैना भी आए और आठ रन बनाकर चल दिए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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