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सबसिडी में गड़बड़ी पर चिनावाट को 5 साल की सजा

शोभा शमी
२७ सितम्बर २०१७

थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावाट को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने चावल की सबसिडी की योजना में घोटाले के लिए 5 साल की जेल की सजा सुनायी है.

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Thailand Prozess Yingluck Shinawatra
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Suwanrumpha

थाई प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावट ने अपने कार्यकाल में चावल की सबसिडी की एक योजना शुरू की थी, जो स्थानीय किसानों के बीच काफी लोकप्रिय भी हुयी थी. उनपर आरोप था कि इस योजना में उन्होंने लापरवाही बरती और इससे अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था.

गार्डियन अखबार की वेसबाइट के मुताबिक चावल की सबसिडी की इस योजना में किसानों को बाजार की तुलना में दुगना दाम दिया गया. विपक्ष ने इसे वोटरों को लुभाने की योजना बताया था. इसके अलावा किसानों से जो चावल खरीदा गया वह बड़ी मात्रा में गोदामों में पड़ा पड़ा सड़ गया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस योजना से लगभग 6 अरब पाउंड का नुकसान हुआ था. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि चावल की सबसिडी की यह योजना एक गंभीर घोटाले बराबर है.

इस घोटाले के सामने आने के बाद 2013-2014 में थाईलैंड में हिंसक प्रदर्शन हुये थे और बाद में चिनावाट की सरकार को सैन्य शासन ने 2014 में बेदखल कर दिया था. एक सैन्य समर्थित विधायिका ने चिनावाट को 2015 में एक अलग महाभियोग मामले में दोषी पाया और उन्हें पांच साल तक राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया था.

इस मामले में पूर्व प्रधामंत्री चिनावाट न्यायालय की सुनवाई में उपस्थित नहीं थीं और देश से बाहर छुप कर रह रही थीं. अल जजीरा चैनल की वेबसाइट के मुतबाकि प्रधानमंत्री प्रायूथ चान ओका ने फैसले के बाद कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी थी कि चिनावाट कहां थीं, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चिनावाट अगस्त माह में दुबई फरार हो गयीं थीं.

Thailand Prozess Ex-Präsidentin Yingluck Shinawatra
तस्वीर: Reuters/C. Subprasom

और भी आरोप

सबसिडी के इस मामले के अलावा भी चिनावाट हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही हैं. 2011 के आम चुनावों में वो चुनाव मैदान में उतरीं और गठबंधन के सहारे सत्ता में आने में कामयाब हुईं. विपक्षी दलों का आरोप था कि माफी विधेयक के जरिए चिनावाट अपने भाई की थाइलैंड में सुरक्षित वापसी का रास्ता बनाने की कोशिश कर रही थीं.

2001 से 2006 तक थाइलैंड के प्रधानमंत्री रह चुके यिंगलक के भाई थाकसिन चिनावट सत्ता के दुरुपयोग के दोषी करार दिये जा चुके थे. इसके लिए उन्हें दो साल की सजा भी सुनाई गयी थी. कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार और गलत नियुक्तियों के आरोप भी लगे. 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें थाइलैंड से भागना पड़ा था.

प्रधानमंत्री बनने के बाद यिंगलक चिनावाट की सरकार ने संसद में एक माफी विधेयक पास कराने की कोशिश की. विधेयक के तहत यिंगलक के भाई थकसिन चिनावाट समेत सैकड़ों नेताओं पर चल रहे मुकदमों में माफी दी जाती, लेकिन विधेयक को संसद ने खारिज कर दिया था. इस मामले के बाद भी काफी राजनीतिक अंसतोष सुलगा था.

राजनीति में आने से पहले कारोबारी रह चुकी यिंगलक पर हमेशा यह भी आरोप लगते रहे कि वे थाकसिन के इशारों पर थाइलैंड को चला रही थीं.