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सरकार को नहीं पता, कितना जमा है काला धन

२२ अप्रैल २०११

विदेशों में काला धन रखने वालों के नाम उजागर करने पर सुप्रीम कोर्ट में तनातनी जारी है, लेकिन वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसके पास इस बात के प्रामाणिक आंकड़े मौजूद नहीं है कि स्विस बैंक में देश का कितना पैसा जमा है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मंत्रालय का कहना है कि काले धन के मुद्दे पर कुछ निश्चित संकेत मिले हैं, लेकिन इस बारे में जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे जांच की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में मंत्रालय ने कहा, "इस बारे में कोई प्रामाणिक आंकड़े नहीं हैं कि स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना पैसा जमा है. इन बैंकों में कानूनी तौर पर धन जमा किया जा सकता है. इस बारे में कुछ संकेत मिले हैं जिन पर कदम उठाए जा रहे हैं. इस बारे में जानकारी देने से मामले की जांच पर असर पड़ सकता है. यह जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) के तहत सार्वजनिक नहीं की जा सकती."

सूचना के अधिकार के तहत मंत्रालय से उन लोगों और कंपनियों के नाम बताने को कहा गया था जिनका पैसा स्विस बैंकों में जमा है. यह भी पूछा गया है कि सरकार ने इस बारे में क्या कदम उठाए हैं. जवाब में कहा गया, "भारत और स्विट्जरलैंड के बीच दोहरे कराधान से बचने के लिए मौजूदा समझौते के तहत समय समय पर स्विस कंफेडरेशन में भारतीयों के खातों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश होती है. लेकिन स्विस संघीय कर प्रशासन ने भारतीय नागरिकों के बैंक खातों से जुड़ी जानकारी देने में असमर्थता जताई है क्योंकि यह जानकारी दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत अनिवार्य नहीं है. स्विस अधिकारियों का कहना है कि सामान्य टैक्स प्रशासन के नियमों के तहत वे इस तरह की जानकारी नहीं दे सकते."

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को फटकार लगाई कि वह काले धन के मामले में सिर्फ पुणे के व्यापारी हसन अली खान पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है. खान पर गैर कानूनी रूप से पैसा बाहर भेजने और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का आरोप है. मशहूर राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, "क्या सरकार इतने सालों तक काले धन के मुद्दे पर सोती रही." इस याचिका में सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि विदेशों में जमा काले धन को वापस लाए जो एक खरब डॉलर के आसपास बताया जाता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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