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बिन लादेन की फिल्म से अमेरिका पर सवाल

७ जनवरी २०१३

ओसामा बिन लादेन के आखिरी दिनों पर बनी और भारी चर्चा में आई फिल्म जीरो डार्क थर्टी के उन दृश्यों पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर पूछताछ करते दिखाया गया है. सीआईए का दावा है कि यह सब काल्पनिक है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी जांच एजेंसी सीआईए के पूर्व प्रमुख ने कहा है कि फिल्म में ये काल्पनिक दृश्य डाले गए हैं और इसका वास्तविकता से कुछ लेना देना नहीं है. खोसे रोड्रिगेज ने वॉशिंगटन पोस्ट में एक कॉलम में लिखा, "सच यह है कि पूछताछ के दौरान किसी को भी पीटा नहीं गया और न ही किसी तरह का खून खराबा किया गया. मैं 2002 से 2007 तक जिस प्रोग्राम को देख रहा था, वहां ऐसा नहीं हुआ." उन्होंने अपने कॉलम की हेडिंग दी है, "सॉरी हॉलीवुडः हमने टॉर्चर नहीं किया."

सीआईए प्रमुख कैथरीन बिगेलो की फिल्म 'जीरो डार्क थर्टी' पर टिप्पणी कर रहे थे, जो 11 जनवरी को अमेरिका में रिलीज होने वाली है. फिल्म जबरदस्त चर्चा में है और अभी से इसे ऑस्कर के लिए भी प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है. इस फिल्म में 9/11 के बाद अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की तलाश को लेकर कहानी है और इसका क्लाइमेक्स दो मई 2011 के एबटाबाद कांड पर पूरा होता है. अमेरिका के विशेष सैनिकों ने पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में एक विशाल घर में घुस कर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था.

Osama bin Laden
तस्वीर: AP

फिल्म की शुरुआत ही टॉर्चर के एक सीन से होती है, जिसमें बिन लादेन का पता लगाने के लिए पकड़े गए लोगों को मारा पीटा जा रहा है. हालांकि रोड्रिगेज का कहना है कि यह दृश्य पूरी तरह से काल्पनिक है, "किसी को भी छत से नहीं लटकाया गया. फिल्म बनाने वालों ने कुत्तों के कॉलर वाले दृश्य इराक के अबु गरेब जेल में कैदियों की प्रताड़ना वाले मामले से लिए हैं. सीआईए के पूछताछ वालों इलाकों में ऐसा कुछ नहीं हुआ." अमेरिकी सेना पर इससे पहले इराक की जेल में भी कैदियों के साथ दुर्व्यवहार का मामला लग चुका है, जहां उन्होंने कथित तौर पर कैदियों को खतरनाक कुत्तों से बुरी तरह डराया धमकाया. इसकी तस्वीरें सार्वजनिक हो चुकी हैं.

रोड्रिगेज का कहना है, "पकड़े गए किसी शख्स को एक चांटा जड़ने के लिए भी सीआईए अधिकारी को सीधे वॉशिंगटन से लिखित अनुमति लेनी पड़ती है. हिरासत में लिए गए लोगों को सहयोग करने का मौका दिया जाता है. लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके साथ सख्ती की जा सकती है, मसलन उन्हें कॉलर से पकड़ा जा सकता है, सोने नहीं दिया जा सकता है या फिर वाटरबोर्डिंग का तरीका अपनाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए वॉशिंगटन से इजाजत लेना जरूरी है." उनका कहना है कि फिल्म में जो बातें दिखाई गई हैं, सीआईए कभी भी उस हद तक नहीं गया है और 2003 के बाद तो ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुई हैं.

Ehemaliges Versteck von Osama bin Laden in Abbotabad Pakistan
इसी मकान में रह रहा था बिन लादेनतस्वीर: picture-alliance/dpa

रोड्रिगेज ने सीआईए के दुनिया भर में फैले खुफिया केंद्रों का बचाव किया, जिन्हें "ब्लैक साइट्स" कहते हैं. अमेरिका जिन संदिग्धों को खतरनाक मानता है, उन्हें यहां रखा जाता है. उन्होंने कहा कि एजेंटों को बार बार यहां भेजा जाता है ताकि वे मामले का अपडेट ले सकें.

सीआईए के मौजूदा प्रमुख माइकेल मॉरेल सहित अमेरिका के कई अधिकारियों ने कहा है कि जीरो डार्क थर्टी में चीजों को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया है और टॉर्चर के तरीकों को गलत तरीके से दर्शाया गया है.

अमेरिका के तीन वरिष्ठ सांसदों ने सीआईए से कहा है कि वह बताए कि फिल्म बनाने में उन्होंने निर्देशक को कितनी मदद की है. वे यह भी जानना चाहते हैं कि क्या बिगलो को गलत जानकारियां तो नहीं दी गईं. जॉन मैकेन, डायना फाइंस्टाइन और कार्ल लेविन ने मॉरेल से कहा है कि बिगेलो को जो जानकारियां दी गई हैं, उस बारे में उन्हें बताया जाए.

एजेए/ओएसजे (एएफपी)

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