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चार अंतरिक्ष यात्री उड़ान भरेंगे स्पेसएक्स के रॉकेट में

२० अप्रैल २०२१

ईलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर चार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने वाली है. इनमें दो अमेरिकी, एक जापानी और एक यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं जो आईएसएस में कई वैज्ञानिक परीक्षण करेंगे.

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USA Testflug SpaceX Starship SN10
तस्वीर: SpaceX/UPI Photo/Newscom/picture allianc

यह अमेरिका द्वारा लोगों को अंतरिक्ष में फिर से भेजने की शुरुआत करने के बाद इस तरह का दूसरा मिशन है. यान 22 अप्रैल को सुबह 6:11 मिनट पर फ्लोरिडा में नासा के केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा. क्रू-2 नाम के इस मिशन में अमेरिका से शेन किम्ब्रो और मेगन मैकआर्थर, जापान की स्पेस एजेंसी जाक्सा से आकिहिको होशिदे और यूरोप की स्पेस एजेंसी ईएसए से थॉमस पेस्के शामिल होंगे.

यह चारों पहले भी अंतरिक्ष में जा चुके हैं. ईएसए ने मिशन का नाम हमारे तारा मंडल से सबसे नजदीक तारा मंडल ऐल्फा सेंटौरी के नाम पर "ऐल्फा" रखा है. बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के तैयार हो जाने तक, स्पेसएक्स नासा की अंतरिक्ष यात्रा के लिए यान उपलब्ध कराने वाली पसंदीदा कंपनी बन गई है. मई 2020 में जब कंपनी ने पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आईएसएस भेजा तब वहां जाने के लिए अमेरिका की रूसी रॉकेटों पर निर्भरता खत्म हो गई.

ताजा उड़ान के लिए भी वही बूस्टर रॉकेट इस्तेमाल किया जाएगा जो क्रू-1 मिशन में इस्तमाल किया गया था. ऐसा पहली बार होगा. इसके अलावा क्रू ड्रैगन कैप्सूल भी वही होगा जो टेस्ट मिशन में इस्तेमाल किया गया था. मिशन के पहले पत्रकारों से बात करते हुए, पेस्के ने कहा कि उनका इस उड़ान में हिस्सा लेना अंतरिक्ष यात्रा को लेकर यूरोप की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

Gruppe von ESA-Astronauten Porträt
यान पर आईएसएस जाने वाले चारों सदस्य - बाएं से मेगन मैकआर्थर, थॉमस पेस्के, आकिहिको होशिदे और शेन किम्ब्रो.तस्वीर: NASA/abaca/picture alliance

उन्होंने कहा, "एक संस्था के रूप में हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम पिछले 20 सालों से आईएसएस कार्यक्रम का हिस्सा हैं और हम आने वाले अगले चरणों का भी हिस्सा बनना चाहते हैं." वो आर्टेमिस के चंद्र मिशन और भविष्य में होने वाली दूसरी साझेदारियों के बारे में बात कर रहे थे. पेस्के ने यह भी बताया कि पूरी तरह से स्वचालित क्रू ड्रैगन रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान से काफी अलग है, जिसे वो पहले उड़ा चुके हैं. 

क्रू-2 के चारों सदस्य कुछ दिनों तक क्रू-1 के सदस्यों के साथ समय बिताएंगे, जिसके बाद पहली टीम अपनी छह महीनों के मिशन के बाद वापस आ जाएगी. इस समय आईएसएस पर तीन रूसी अंतरिक्ष यात्री भी हैं और इस दौरान 11 लोगों के साथ स्टेशन पर काफी भीड़ रहेगी. मिशन के दौरान क्रू-2 के सदस्य कई वैज्ञानिक परीक्षण करेंगे. मिशन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक स्टेशन के सौर ऊर्जा से चलने वाले सिस्टम में सुधा करना भी है.

क्रू-2 की उड़ान के दिन पृथ्वी दिवस भी है और जब तक मिशन के सदस्य लौटेंगे तब तक उम्मीद है कि उन्होंने धरती की कई प्राकृतिक घटनाओं की 15 लाख तस्वीरों के जरिए पर्यावरण संबंधी रिसर्च में भी महत्वपूर्ण योगदान दे दिया होगा. इनमें रात को फैलने वाली कृत्रिम रोशनी, शैवालों का खिलना और अंटार्कटिक बर्फ का टूटना शामिल है.

सीके/आईबी (एएफपी)

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