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हैकरों ने डेढ़ लाख सिक्योरिटी कैमरों में सेंध लगाई

१० मार्च २०२१

मुट्ठी भर हैकरों के एक गुट ने हजारों सिक्योरिटी कैमरों के लाइव और अर्काइव फुटेज में सेंध लगाई है. ये कैमरे जेल जैसे सरकारी ठिकानों और टेस्ला जैसी सैकड़ों बड़ी कारोबारी कंपनियों के दफ्तरों और वर्कशॉप में लगे हैं.

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USA Mexiko Grenzüberwachung
तस्वीर: Getty Images/J. Moore

हैकरों ने जेल, टेस्ला कंपनी, पुलिस की पूछताछ करने वाले कमरे, अस्पताल और यहां तक कि खुद कैमरा लगाने वाली कंपनी के दफ्तर तक में घुसपैठ कर ली है. कैमरा बनाने वाली कंपनी वर्काडा के एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सेस में घुसपैठ कर बीते दो दिनों में उन्होंने इस काम को अंजाम दिया. कैमरा लगाने वाली कंपनी ने जांच शुरू कर दी है.इस घुसपैठ में शामिल एक शख्स ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी. बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ लाख कैमरों में सेंध लगाई गई है.

स्विस सॉफ्टवेयर डेवलपर टिली कोटमन ने मोबाइल ऐप और दूसरे सिस्टम की सुरक्षा में कमियों को सामने लाकर सुर्खियां बटोरी है. टिली ने रॉयटर्स को चीन में टेस्ला की एक फैक्टरी और कैलिफोर्निया के एक शोरूम की फुटेज दिखाई. इसके साथ ही उनके पास अलाबामा जेल, अस्पताल के कमरों, पुलिस की पूछताछ के कमरे और कम्युनिटी जिम का फुटेज भी मौजूद है. कोटमन ने गुट के दूसरे सदस्यों की पहचान बताने से इनकार कर दिया.

Symbolbild - Gefängnis
तस्वीर: Colourbox

सुरक्षा पर सवाल

हैकर लोगों का ध्यान उनकी व्यापक निगरानी की तरफ दिलाना चाहते थे. उन्हें वर्काडा के एडमिनिस्ट्रेटिव टूल के लॉगिन की जानकारी इस हफ्ते ऑनलाइन हासिल हुई. वर्काडा ने इस घुसपैठ को माना है और उसका कहना है कि उसने सारे इंटरनल एडमिनिस्ट्रेटिव अकाउंट फिलहाल बंद कर दिए हैं ताकि अनाधिकृत लोगों को वहां तक पहुंचने से रोका जा सके. कंपनी का कहना है, "हमारी आंतरिक सुरक्षा टीम और बाहरी सुरक्षा एजेंसी इस मामले के स्तर और सीमा की छानबीन कर रहे हैं और हमने कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों को इसकी जानकारी दे दी है."

कोटमन का कहा है कि मंगलवार को जब ब्लूमबर्ग ने इस बारे में पहली रिपोर्ट दी उसके कई घंटे पहले ही वर्काडा ने हैकरों का एक्सेस बंद कर दिया था. कोटमन के मुताबिक हैकिंग करने वाले अगर चाहते तो टेस्ला, सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी क्लाउडफ्लेयर इंक और ओकटा इंक के दूसरे हिस्सों में लगे कैमरों तक भी जा सकते थे. क्लाउडफ्लेयर का कहना है कि उसके सुरक्षा उपायों को इस तरह तैयार किया गया है कि वह मामूली सी लीक को भी ब्लॉक कर सकता है और इस तरह से कैमरों में बड़ी सेंध नहीं लगाई जा सकती. उनका यह भी कहना है कि ग्राहकों के डाटा पर कोई असर नहीं पड़ा है. ओकटा का भी कहना है कि वह छानबीन कर रही है लेकिन उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ा है. टेस्ला ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

हजारों ग्राहक प्रभावित

Symbolbild Überwachungskamera
तस्वीर: Fotolia/F. Schmidt

वर्काडा के यूजर अकाउंट की जो लिस्ट हैकिंग ग्रुप ने दी है उसमें जिम चेन बे क्लब और वर्जिन हाइपरलूप जैसी हजारों कंपनियां शामिल हैं. अलबामा की मेडिसन काउंटी जेल, बे क्लब और वर्जिन हाइपरलूप ने इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वर्काडा का कहना है कि उसकी वेबसाइट पर 5,200 ग्राहक हैं जिनमें शहर, कॉलेज और होटल भी शामिल हैं. उसके कैमरे मशहूर हैं क्योंकि वह ऐसे सॉफ्टवेयरों से जुड़े हैं जिनकी मदद से खास इंसान या किसी चीज की खोज की जा सकती है. यूजर उनकी फीड को क्लाउड के जरिए दूर रह कर भी देख सकते हैं.

2018 में रॉयटर्स से बातचीत में कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव फिलिप कालिसजा ने कहा था कि वर्काडा ने जान बूझ कर इसे आसान बनाया है ताकि संस्थान लाइव वीडियो फीड को देख सकें और सुरक्षित तरीके से उसे दूसरों के साथ शेयर कर सके जैसे कि आपातस्थिति में काम करने वाले लोग. वर्काडा ने वेंचर कैपिटल में 13.9 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटा ली है. एक साल पहले जो आंकड़े जारी हुए थे, उनके मुताबिक स्टार्टअप की कीमत करीब 1.6 अरब डॉलर है.

पिछले साल खबर आई थी कि वर्काडा कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने कंपनी के कैमरों और उसकी फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का इस्तेमाल कर कुछ महिला कर्मचारियों की तस्वीरें ली और शेयर की. बाद में तीन कर्मचारियों को इस सिलसिले में बर्खास्त किया गया.

एनआर/एके(रॉयटर्स)

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