हजारों साल का दर्द ए दिल
११ मार्च २०१३अब तक वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को लगता रहा कि खराब जीवनशैली, फास्ट फूड और सिगरेट पीने से दिल से जुड़ी शिरायें और धमनियां बाधित होती हैं. लेकिन 4,000 साल पुराने शवों की जांच करने के बाद रिसर्चर हैरान रह गए. ममियों की जांच करने पर पता चला है कि दिल से जुड़ी धमनियां और शिरायें चार शताब्दी पहले भी बाधित हुआ करती थी.
ममी के भीतर सुरक्षित रखे शवों की जांच के बाद वैज्ञानिकों को लगने लगा है कि क्या बूढ़े होते शरीर में दिल की बीमारियां सामान्य बात हैं. 137 ममियों का सीटी स्कैन किया गया. सीटी स्कैन से पता चला है कि एक तिहाई ममियों के दिल के आस पास की नलियां बीमार थीं. रिसर्चरों के मुताबिक जितनी ममियों की जांच की गई उनकी जीवनशैली आज के हिसाब से बहुत स्वस्थ कही जा सकती है.
हालांकि शवों के परीक्षण के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता है कि इन लोगों की मौत दिल की बीमारी के चलते हुई. शोध अमेरिका के सेंट ल्यूक्स मिड अमेरिका हार्ट इंस्टीट्यूट ने किया. रिपोर्ट विज्ञान पत्रिका लासेंट में प्रकाशित की गई है. शोध टीम के प्रमुख डॉक्टर रैंडल थॉम्पसन कहते हैं, "दिल की बीमारियां दुनिया भर में 4,000 साल से इंसानों को घेरे हुए हैं."
मौजूदा दौर में दिल की बीमारियों को जीवनशैली से जोड़कर देखा जाता है. रिसर्च के बाद थॉम्पसन कहते हैं, "हमनें शायद इस विचार को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया है कि स्वस्थ जीवनशैली खतरे को पूरी तरह दूर कर सकती है."
हालांकि रिसर्चर मान रहे हैं कि धूम्रपान दिल की बीमारियों की बड़ी वजह है. ममियों का परीक्षण करने के बाद भी यह आशंका जताई गई है कि पूर्वर्जों को भी धूम्रपान की मार झेलनी पड़ी. वैज्ञानिकों के मुताबिक हजारों साल पहले आग जलाने पर खूब धुआं होता था. गुफाओं और बस्तियों को रोशन रखने पर खूब धुआं होता था, हो सकता है कि यह आधुनिक धूम्रपान से भी ज्यादा बुरा हो.
ओएसजे/एमजी (एपी)