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विमानों में छुरी की छूट

२२ मार्च २०१३

अमेरिकी हवाई जहाजों में सुरक्षा के नियमों में ढील देने का फैसला लिया गया है. यात्री अपने साथ अब चाकू ले जा सकेंगे, लेकिन नियमों में बदलाव को लेकर बहुत सी चिंताएं भी पैदा हो रही हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

हवाई जहाज में चाकू के साथ चढ़ना, 11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद इस बारे में सोचना भी मुश्किल है. उस हमले में शामिल 19 आतंकवादियों ने छुरों की मदद से ही चार हवाई जहाजों को अपने नियंत्रण में किया था और फिर हवाई जहाजों को ही हथियार बनाकर न्यू यॉर्क के ट्विन टावर्स और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन पर हमला किया. यह घटना अब भी अमेरिकी कौम के जहन में गढ़ी हुई है.

इस हादसे के बाद से हवाई जहाजों में सुरक्षा और कड़ी कर दी गई. अमेरिका जा रहे यात्रियों को सुरक्षा प्राधिकरण टीएसए के कर्मचारियों से काफी परेशानी होने लगी. अमेरिका में हवाई जहाज पर चढ़ने वाले हर व्यक्ति को अपने जूते खोलने होते हैं, लैपटॉप दिखाना होता है और एक्स रे कराना होता है. पानी की बोतल से लेकर चाकू, हॉकी स्टिक और स्की भी खतरनाक चीजों में गिने जाते हैं, जिन्हें यात्री अपने साथ हैंड बैगेज के तौर पर नहीं ले जा सकते. लेकिन 25 अप्रैल से यह सब बदलने वाला है.

USA Ostküste Schneesturm Flughäfen
तस्वीर: Getty Images

चाकू से खतरा नहीं

टीएसए के प्रमुख जॉन एस पिस्टल ने कहा, "दुनिया भर में सुरक्षा विश्लेषकों की राय है, और मैं भी उनसे सहमत हूं, एक छोटे से चाकू से हवाई जहाज हादसा नहीं होगा." पिस्टल अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव्स के सामने अपनी राय रख रहे थे. 25 अप्रैल से हवाई जहाजों में यात्री अपने साथ छह सेंटीमीटर लंबी धार वाली छुरियां ला सकेंगे. लेकिन धार 1.27 सेंटीमीटर से चौड़ी नहीं होनी चाहिए. छोटी कैंचियां, बिलियर्ड खेलने वाले क्यू, दो गॉल्फ और दो हॉकी स्टिक भी प्लेन में ले जाई जा सकेंगी.

पिस्टल ने कांग्रेस में बताया कि उनके अधिकारी किस तरह इस नतीजे तक पहुंचे हैं. अधिकारियों का मानना है कि आतंकवाद का खतरा बमों से है, न कि छुरियों से. कॉकपिट के दरवाजों को और सुरक्षित कर दिया गया है और सुरक्षा बंदोबस्त इस तरह होंगे कि वह आतंकवादी के जहाज पर चढ़ने से पहले ही काम करने लगे. पिस्टल ने कहा, "वैसे भी जहाज में इतनी सारी ऐसी चीजें होती हैं जिनसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है," मिसाल के तौर पर फर्स्ट क्लास यात्रियों के लिए इस्पात से बने कांटा छुरी या कांच की ग्लास और बोतलें. पिस्टल का कहना है कि अगर यात्री अपने चाकू साथ लाएं तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.

पिस्टल का मानना है कि टीएसए के काम के बारे में भी काफी गलतफहमियां हैं, "हमारा काम है, आतंकवादियों को हवाई जहाजों से दूर रखना," न कि उन यात्रियों को काबू में करना जो एयर होस्टेस को धमकी दे रहे हों. "अगर हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम मानसिक तौर पर अस्थिर लोगों, या ज्यादा शराब पीने वाले लोगों को पहचानें और हवाई जहाजों से अलग रखें तो मेरा मानना नहीं है कि यह हमारे काम का हिस्सा है और न ही हमारे पास इस तरह के अधिकार हैं."

World Trade Center Anschlag 11. September 2001
तस्वीर: AP

विरोध करते अधिकारी

पिस्टल के मुताबिक अगस्त 2010 से अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों को भी बदला गया है और यात्री छोटी छुरियां अपने साथ ले जा सकते हैं. यूरोपीय संघ में यात्री हैंड बैगेज में यह सामान ले जा सकते हैं. पिस्टल का मानना है कि चेक करते वक्त लंबी कतारों में फंसे यात्रियों का वह काम आसान करना चाहते हैं और उन्हें कम परेशान करना चाहते हैं. उनका दावा है कि हर दिन हवाई अड्डों पर 2000 ऐसे छोटे चाकुओं को निकाला जाता है. अब अधिकारियों को इससे राहत मिलेगी और वे वाकई बम की तलाश में लग सकते हैं.

लेकिन अधिकारी खुद इस फैसले से नाखुश हैं. उनका मानना है कि यात्रियों की जांच में अब पहले से ज्यादा वक्त भी लग सकता है. "चाकू बड़ा है कि छोटा, इसको लेकर यात्री के साथ बहस हो सकती है." यह मानना है कि एफजीई मजदूर यूनियन का. वह इस फैसले के खिलाफ है. "कई बार जांच करते समय यात्री अधिकारियों को धमकाते हैं या उनपर हमला करते हैं. नए नियम से यह घटनाएं बढ़ेंगी."

एयर होस्टेस और स्टीवर्डों को भी इस फैसले से परेशानी हो रही है. एक अर्जी में उन्होंने लिखा है, "यह फैसला न तो यात्रियों के और न ही चालक दल के पक्ष में हैं. हम इसका विरोध करते रहेंगे. चालक दल यूनियन में 90,000 कर्मचारी हैं और उन्होंने अमेरिकी सरकार की वेबसाइट पर एक अर्जी दी है. इसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा से मांग की गई है कि वह नए नियम पर रोक लगाएं. इसके लिए 5 अप्रैल तक एक लाख हस्ताक्षरों की जरूरत होगी जिससे कि सरकार इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर हो जाए. लेकिन अब तक सरकार ने इसके बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया है और कहा है कि इस मामले के लिए टीएसए जिम्मेदार है वह वहीं नियम बनाएगा, जो उसे जरूरी लगेंगे.

25 अप्रैल से अमेरिकी हवाई जहाजों में छोटी छुरियों के ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी. जांच के दौरान अब भी इन्हें दिखाना होगा. लेकिन जांचकर्ता इन्हें खोलेंगे नहीं. "हमें जांच के दौरान खुली छुरी नहीं देखनी है. अगर हमें लगता है कि नियम का पालन हो रहा है, तो हम यात्री को जाने देंगे." लेकिन बड़ी छुरियों पर अब भी प्रतिबंध बना रहेगा.

रिपोर्टः क्रिस्टीना बैर्गमान/एमजी

संपादनः महेश झा

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