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सेना की जमीन पर एक और घोटाला

१३ जनवरी २०११

भारतीय सेना से जुड़े आदर्श घोटाले की लपटें अभी शांत नहीं हुई हैं कि एक और वैसा ही जमीन घोटाला आंच पकड़ रहा है. घाटोले में पूर्व सेना चीफ जनरल दीपक कपूर का नाम सामने आया है. साथ में हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत.

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जनरल दीपक कपूरतस्वीर: Fotoagentur UNI

एक वरिष्ठ सैन्य अफसर ने आरोप लगाया है कि जनरल दीपक कपूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मुंबई में एक अहम जगह पर स्थित सेना की जमीन को अवैध तरीके से बिकवा दिया.

पुणे से सेना की दक्षिणी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप खन्ना की शिकायत मिलने के बाद आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने ऐसे संकेत दिए हैं कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है. यह मामला 2007 का है जब जनरल दीपक कपूर थल सेना अध्यक्ष थे. राव इंद्रजीत सिंह तब केंद्र में रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री थे.

खन्ना ने सेना मुख्यालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाए हैं कि मुंबई के कांदीवली-मलाड इलाके में जमीन का एक बड़ा टुकड़ा 1942 से सेना को लीज पर मिला था. लेकिन उसे 2007 में अवैध तरीके से एक निजी बिल्डर को बेच दिया गया. सूत्रों के मुताबिक खन्ना ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जमीन का यह सौदा जनरल दीपक कपूर और राव इंद्रजीत सिंह के दखल के बाद हुआ. सेना मुख्यालय से रक्षा मंत्रालय को भेजी गई इस रिपोर्ट में पूरे मामले की गहन जांच की सिफारिश की गई है.

रक्षा मंत्रालय एके एंटनी ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट मिल गई है और इस पर विचार किया जा रहा है. सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने तो सीबीआई जांच के संकेत भी दे दिए हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या सीबीआई से जांच कराई जाएगी, तो उन्होंने कहा, "हमें दक्षिण कमांड से एक रिपोर्ट मिली है. इसके बारे में हमें कुछ तो करना ही होगा."

वैसे राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने नवंबर 2007 में एक नोट लिखा था जबकि महाराष्ट्र सरकार उस जमीन को जून 2007 में ही बेच चुकी थी. सिंह ने कहा, "जुलाई में तो जमीन का कब्जा भी दिया जा चुका था. सौदे के चार महीने बाद लिखा गया नोट उसे कैसे प्रभावित कर सकता है?"

जनरल कपूर ने अब तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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