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कहीं ज्यादा हो सकते हैं भारत में संक्रमण के मामले 

चारु कार्तिकेय
२० अगस्त २०२०

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या भले ही सरकारी आंकड़ों के अनुसार 28 लाख हो, लेकिन सीधी जांच के अलावा कई दूसरे तरीकों से किए जा रहे अध्ययन संकेत दे रहे हैं कि असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है.

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Indien Mumbai | Coronakrise
तस्वीर: Imago Images/Hindustan Times

सबसे पहले ये बात कई शहरों में कराए गए सेरो सर्वे में निकल कर आई थी. दिल्ली के पहले सेरो सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 23 प्रतिशत, यानी करीब 46 लाख लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण हो चुका है. दिल्ली में संक्रमित व्यक्तियों का सरकारी आंकड़ा 1.56 लाख है. इसी तरह मुंबई के सेरो सर्वे में शहर में संक्रमित लोगों की संख्या 16 प्रतिशत, यानी करीब 29 लाख होने की संभावना है, जब कि शहर का सरकारी आंकड़ा 1.31 लाख है.

अब सरकारी संस्थान सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीएमएमबी) ने हैदराबाद में घरों से निकलने वाले मल-मूत्र वाले पानी यानी सीवेज के अध्ययन से कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों की संख्या निकालने की कोशिश की है. इस अध्ययन का आधार कई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों में साबित हो चुका यह निष्कर्ष था कि कोरोना वायरस मल के जरिए भी फैलता है.

सीवेज से अनुमान

सीसीएमबी ने हैदराबाद के सीवेज उपचार संयंत्रों से लिए सैंपलों की जांच में पाया कि शहर की छह प्रतिशत आबादी यानी छह लाख लोगों के कोविड-19 पॉजिटिव होने की संभावना है. इसमें पिछले 35 दिनों में संक्रमण से ठीक हुए लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले सभी लोग शामिल हैं. एक सीमित अनुमान के अनुसार भी शहर में अभी भी सक्रीय रूप से वायरस छोड़ रहे लोगों की संख्या 2.6 लाख हो सकती है.

इस अनुमान और सरकारी आंकड़ों में कितना अंतर है इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पूरे तेलंगाना राज्य में संक्रमित व्यक्तियों का सरकारी आंकड़ा एक लाख के आस पास है. सिर्फ महाराष्ट्र ही ऐसा एकमात्र राज्य है जहां संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या छह लाख से ऊपर है. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि सीवेज में कोरोना वायरस संक्रामक नहीं होता है, इसलिए इस तरह के अध्ययनों के लिए सीवेज के सैंपल उपयुक्त हैं. 

एंटीबॉडी जांच से अनुमान

इसके अलावा एक निजी लेबोरेटरी द्वारा किए गए एक अध्ययन में और भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. थाइरोकेयर कंपनी ने दावा किया है कि उसकी लैबों में किए गए एंटीबॉडी जांचों के विश्लेषण से पता चला है कि पूरे देश में औसतन 26 प्रतिशत, यानी करीब 35 करोड़ लोगों को संभावित रूप से कोरोना वायरस संक्रमण हो चुका है. थाइरोकेयर के मालिक डॉक्टर ए वेलुमणि का कहना है कि उन्होंने इस अध्ययन के लिए पिछले सात हफ्तों में 600 शहरों में हुई 2,70,000 एंटीबॉडी जांचों का विश्लेषण किया.

उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "यह प्रतिशत हमारी अपेक्षा से कहीं ज्यादा है. एंटीबॉडीज की उपस्थिति सभी उम्र के लोगों में लगभग एक समान है, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं." उन्होंने यह भी बताया कि अगर स्थिति ऐसी ही रही तो दिसंबर से पहले तक यह संख्या बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में इस समय संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 28.36 लाख है. बुधवार को 69,652 नए मामले सामने आए.

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