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प्रतिष्ठित वेनिस फिल्म फेस्टिवल आज से

३१ अगस्त २०११

दुनिया का सबसे पुराना वेनिस फिल्म फेस्टिवल बुधवार से शुरू हो रहा है. वेनिस फिल्म फेस्टिवल में इस बार दो भारतीय फिल्में दिखाई जाएंगी और भारत के प्रयोगधर्मी निर्माताओं में गिने जाने वाले मणि कौल को श्रद्वाजंलि दी जाएगी.

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तस्वीर: Venice Film Festival

वेनिस फिल्म फेस्टिवल भले ही कान या ऑस्कर की तरह मशहूर न हो लेकिन इसकी अपनी कुछ अलग खासियत हैं. फिल्म समीक्षक मृत्युंजय प्रभाकर कहते हैं, "वेनिस फिल्म फेस्टिवल अब भी सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल है. तड़क भड़क वहां भले ही न हो लेकिन वहां गंभीर कलात्मक फिल्में जाती हैं."

अनुराग कश्यप अब भारतीय फिल्म जगत में एक बड़ा नाम हैं. लेकिन खुद अनुराग कश्यप मानते हैं कि उन्हें पहचान वेनिस ने ही दिलाई. मृत्युंजय कहते हैं, "वेनिस फिल्म फेस्टिवल फिल्म जगत से जुड़े लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है. फिल्म निर्माता पहले वेनिस के जरिए दुनिया के सामने आते हैं और फिर स्थानीय मीडिया में भी उन्हें फॉलो करने लगता है."

Filmfestspiele Venedig 2011 Carnage Flash-Galerie
तस्वीर: Venice Film Festival

फिल्म फेस्टिवल 10 सितंबर तक चलेगा. वेनिस फिल्म फेस्टिवल में सबसे बड़ा पुरस्कार गोल्डन लायन दिया जाता है. गोल्डन लायन के लिए इस बार 22 फिल्मों में होड़ है. मुख्य मुकाबला कार्नेज और टिंकर, टेलर, सोल्जर, स्पाई के बीच है. कार्नेज मशहूर निर्देशक रोमान पोलांस्की की फिल्म है.

भारत से इस बार सोनचिड़ी और अन्हे घोरहे दा दान फिल्में इस समारोह का हिस्सा बनेंगी. इसके अलावा भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले निर्देशक मणि कौल को वेनिस फिल्म फेस्टिवल में याद किया जाएगा. श्रद्धाजंलि देने के साथ कौल की फिल्म दुविधा प्रदर्शित की जाएगी. मणि कौल का छह जुलाई को निधन हुआ.

Venedig Filmfestspiele 2011
तस्वीर: AP

वेनिस फिल्म फेस्टिवल 1932 में शुरू हुआ. इटैलियन में इसे 'इस्पोसिजिओने द आर्ते सिनेमाटोग्राफिया' का नाम दिया गया. 1934 से समारोह बड़े पैमाने पर होना शुरू हुआ. 1934 में 19 देशों के फिल्म निर्माताओं ने इसमें हिस्सा लिया और 300 से ज्यादा पत्रकारों को फेस्टिवल कवर करने की अनुमति दी गई. दूसरे विश्वयुद्ध के समय भी वेनिस में फिल्म जगत को लोगों का जमावड़ा लगा रहा. अब यह समारोह सुर्खियों के मामले में भले ही पीछे रहे लेकिन प्रतिष्ठा के मामले में इसका आज भी वही मुकाम है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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