1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मजबूत होंगे भारत-ताइवान रिश्ते, चीन से नया पंगा?

११ मई २०१९

ताइवान ने कहा है कि वह भारत की नई सरकार के साथ अपने रिश्ते मजबूत बनाएगा. इसके तहत ज्यादा दोतरफा आधिकारिक दौरे होंगे. चीन की तरफ से दुनिया में ताइवान को अलग थलग करने की कोशिशों के बावजूद वह भारत के करीब जाना चाहता है.

https://p.dw.com/p/3IHKu
Symbolbild China und Taiwan
तस्वीर: Imago/Panthermedia

ताइवान चीन की मुख्य भूमि से 177 किलोमीटर दूर है और वह चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. चीन ताइवान को अपना एक अलग हुआ हिस्सा मानता है और इसीलिए वह उसके मुताबिक किसी अन्य देश के साथ राजनयिक संबंध कायम नहीं कर सकता. हालांकि चीन आम तौर पर ताइवान के साथ अन्य देशों के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों पर आपत्ति नहीं करता.

भारत में ताइपेई आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र के प्रतिनिधि छुंग क्वांग तिएन ने कहा है कि भारत में 23 मई को आम चुनाव के नतीजे आने के बाद ताइवान भारत की नई सरकार के साथ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा.

नई दिल्ली में स्थित यह आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र एक तरह से दूतावास की तरह काम करता है. यह भारतीय और ताइवानी कंपनियों को अपने व्यापारिक रिश्ते बढ़ाने में मदद करता है और दोनों तरफ के सरकारी अधिकारियों के बीच संवाद को आसान बनाता है.

जानिए: ताइवान और चीन का झगड़ा कैसे शुरू हुआ

तिएन ने एक इंटरव्यू में कहा, "हमारे संबंध काफी अच्छे हैं. हमारे प्रोजेक्ट्स में से एक यह भी है कि उच्च स्तरीय यात्राओं को बढ़ावा दिया जाए." ताइवान के साथ भारत के संबंध मजबूत होने पर चीन को आपत्ति हो सकती है. उसने 2017 में ताइवान के तीन संसदीय प्रतिनिधियों के भारत दौरे पर भी अपना विरोध जताया था. भारत और चीन के बीच 2017 में डोकलाम को लेकर भी खासा सैन्य तनाव रहा.

तिएन का कहना है कि ताइवान दक्षिणपूर्व और दक्षिण एशिया के जिन 18 देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना चाहता है उनमें भारत उच्च प्राथमिकता वाले देशों में शामिल है. ताइवान इन देशों के साथ संस्कृति, पर्यटन, शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में संबंध आगे बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा, "राजनयिक संबंधों के बिना भी, हमारे संबंध बहुत मजबूत हैं. ये उन देशों के मुकाबले भी कहीं ज्यादा मजबूत हैं जिनके साथ हमारे औपचारिक संबंध हैं."

Taiwans Präsidentin Tsai besucht die Marshall Inseln, Tuvalu und Solomon Inseln mit Transit in Honolulu und Guam
अमेरिका ताइवान का करीबी सहयोगी हैतस्वीर: Taiwan President Office

उन्होंने कहा कि दिल्ली में जल्द दूसरी ताइवान एक्सपो प्रदर्शनी होगी जिसमें इलेक्ट्रोनिक्स, आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, हेल्थ केयर और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम करने वाली 100 से ज्यादा ताइवानी कंपनियां हिस्सा लेंगी. ताइवान ने पिछले कुछ सालों में भारत में चार व्यापारिक कार्यालय खोले है और दोनों पक्षों के बीच व्यापार 2000 से छह गुना से ज्यादा बढ़ कर 2018 में सात अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है.

ताइवानी कंपनियों की तरफ से निवेश भी लगभग 1.5 अरब डॉलर तक जा पहुंचा है. ये कंपनियां ज्यादातर इलेक्ट्रोनिक्स और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में निवेश कर रही हैं. तिएन ने कहा कि ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल होने के लिए भी भारत की मदद चाहता है.

ताइवान ने भारत की यूनिवर्सिटियों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में चीनी भाषा को बढ़ावा देने के लिए 14 भाषा केंद्र स्थापित किए हैं, जहां छह हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं. उन्हें स्कॉलरशिप भी दी जा रही हैं.

एके/आईबी (रॉयटर्स)

चीन नहीं, ये देश ताइवान के साथ हैं