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मेथी के दानों पर ई कोलाई का इल्जाम

२ जुलाई २०११

पहले सलाद, फिर खीरा और टमाटर, उसके बाद अंकुरित अनाज और अब मेथी के दाने. जर्मनी में वैज्ञानिक एक के बाद एक खाने की चीजों को ई कोलाई का कारण बताने में जुटे हैं. असली कारण का अभी भी कोई पता नहीं.

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तस्वीर: dapd

जर्मनी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मिस्र से आयात किए गए मेथी के दानों के साथ ई कोलाई बैक्टीरिया देश में पहुंचा. अधिकारियों ने एक खेत की पहचान की है, जहां से ई कोलाई बैक्टीरिया के संक्रमण की शुरुआत हुई. अधिकारियों का कहना है कि खेत में मेथी के बीज बोए गए थे और उन्हें इस बात का करीब करीब यकीन है कि इन बीजों के कारण ही लोग बीमार हुए. यह खेत जर्मनी के लोअर सेक्सनी राज्य में है. जर्मनी के कृषि मंत्री के प्रवक्ता गेर्ट हाने ने बताया, "खेत के मालिक ने ये बीज मिस्र से मंगवाए थे."

मिस्र ने जर्मनी के आरोपों का खंडन किया है. मिस्र के खाद्य मामलों के अधिकारी अली सुलेमान ने कहा, "मिस्र में इस बैक्टीरिया की मौजूदगी के आज तक कोई रिकॉर्ड नहीं हैं," गौरतलब है कि इस से पहले जर्मनी ने स्पेन के खीरों में ई कोलाई के होने की बात की थी, जो बात में गलत साबित हुई. बगैर पूरी जांच किए ही स्पेन से खीरों का आयात बंद कर दिया गया था और जर्मनी में कई टन खीरों को फेंक दिया गया था. इस बार भी मामला कुछ ऐसा ही लग रहा है. यूरोपीय खाद्य और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार मेथी के बीजों पर पूरे टेस्ट अभी नहीं हुए हैं, इसलिए वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते.

ई कोलाई के कारण अब तक यूरोप में 49 लोगों की जान जा चुकी है और चार हजार से अधिक लोगों में संक्रमण पाया गया है. अधिकारी भले ही एक खाद्य सामग्री से दूसरी पर इल्जाम खिसका रहें, लेकिन अब तक वे यह बताने में सक्षम नहीं हो पाए हैं कि बैक्टीरिया खाद्य श्रृंखला में किस तरह से मिला.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: एन रंजन

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