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साध्वी प्रज्ञा के चुनाव अभियान पर 3 दिनों की रोक

२ मई २०१९

चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनावी अभियान पर 72 घंटे की रोक लगा दी.

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Sadhvi Pragya Singh Thakur
तस्वीर: IANS

यह रोक गुरुवार सुबह छह बजे से अगले 72 घंटे तक जारी रहेगी. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनावी अभियान पर रोक धार्मिक आधार पर वोट मांगने को लेकर लगाई गई है, जिसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है. चुनाव आयोग ने बुधवार को जारी अपने आदेश में ठाकुर के बयान की कड़ी निंदा की और उन्हें भविष्य में इस प्रकार का कदाचार नहीं दोहराने की चेतावनी दी.

चुनाव आयोग ने उनको तीन दिनों तक जनसभा, प्रदर्शन, रैली व रोडशो करने और साक्षात्कार देने और चुनाव को लेकर मीडिया में सार्वजनिक बयान देने से मना किया है. ठाकुर को चुनाव आयोग ने दो नोटिस जारी किए हैं. उनको एक नोटिस टीवी साक्षात्कार के दौरान उनके बयान को लेकर जारी किया गया है और दूसरा नोटिस एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे के खिलाफ बयान देने को लेकर दिया गया है.

ठाकुर ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि वह उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया था और उन्हें इस पर गर्व है. ठाकुर ने चैनल से कहा, "हमने देश से एक कलंक को मिटाया. हम ढांचे को गिराने गए. मुझे काफी गर्व है कि ईश्वर ने मुझे यह मौका दिया और मैं इस कार्य को कर सकी. हम विश्वास दिलाते हैं कि उस स्थल पर राममंदिर का निर्माण होगा."

इसके अलावा ठाकुर ने कहा था कि एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को उन्होंने शाप दिया था, इसलिए वह मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले में आतंकियों के हाथों मारे गए. इस बयान की तीखी निंदा होने पर ठाकुर ने बाद में माफी मांगी और स्वीकार किया कि करकरे एक शहीद हैं. बीजेपी ने उनके इस बयान से खुद को दूर कर लिया.

चुनाव आयोग के इस फैसले को कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अभिनंदनीय फैसला करार दिया है. सिंह ने ट्वीट किया, "चुनाव आयोग का यह निर्णय अभिनंदनीय है. भाजपा सांप्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों तथा आतंकवाद के आरोपियों को जब उम्मीदवार बनाएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है. आदर्श लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण हेतु इस प्रकार के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा."

49 वर्षीय प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम धमाका मामले में आरोपी हैं. 2006 में हुई इस घटना में छह लोग मारे गए थे और करीब 100 लोग घायल हो गए थे. वह मामले में इस समय जमानत पर हैं और मालेगांव की घटना में मारे गए लोगों में से एक के पिता ने उनकी उम्मीदवारों को अदालत में चुनौती दी है.

आईएएनएस/आईबी

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