स्ट्रॉस कान ने दायर किया मानहानी का मुकदमा
१२ जुलाई २०११कान के वकील हेनरी लेक लरक ने बताया, "हमें जैसे ही पता चला कि पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है, हमने मुकदमा दर्ज करा दिया." 62 वर्षीय कान ने उन पर लगे आरोपों को लेखिका की मनगढ़ंत कहानी बताया है. ट्रिसटेन बैनन नाम की एक लेखिका और पत्रकार ने आरोप लगाया है कि कान ने 2003 में उनका बलात्कार करने की कोशिश की.
32 वर्षीय बैनन ने कहा है कि कान ने उस समय उनके साथ जबरदस्ती की जब वह एक किताब के सिलसिले में कान का इंटरव्यू लेने गई थीं. फ्रांस की पुलिस ने सोमवार को लेखिका से इस सिलसिले में पूछताछ शुरू कर दी है. बैनन ने पिछले हफ्ते कान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. अब कान ने भी लेखिका पर मानहानि का मुकदमा कर दिया है. गौरतलब है कि बैनन कान की दूसरी पत्नी ब्रिगिट गिलमेट की मुंहबोली बेटी हैं.
बैनन ने पहली बार 2007 में एक टीवी इंटरव्यू में कान पर यह आरोप लगाया. उस समय बैनन ने कहा था कि कान एक 'पागल बंदर' की तरह उन पर झपटे. इंटरव्यू में बैनन ने कहा कि उन्होंने किसी को इस बारे में इसलिए नहीं बताया क्योंकि वह जानती थीं कि कान बेहद प्रभावशाली हैं और कोई इस बात पर यकीन नहीं करता. इंटरव्यू करने वाले चैनल पैरिस प्रीमियर ने कहा है कि वह बुधवार को इंटरव्यू एक बार फिर चलाएगा. बैनन के वकील डेविड कोबी ने कहा है कि उनके पास आरोप साबित करने के लिए पुख्ता सबूत और गवाह दोनों हैं.
इस बीच बैनन ने फ्रांस के एक अखबार को एक बार फिर इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कान ने हैवानियत में उनके कपड़े फाड़ दिए थे. बैनन ने कहा, "आठ साल पहले जब मैं सब से शिकायत दर्ज करने की बात कर रही थी तो मुझे कहा जा रहा था कि इसका कोई फायदा नहीं होगा." न्यूयॉर्क में रिहाई के बाद कान अपनी पत्नी और दोस्तों के साथ डिनर करने गए. इस बारे में बैनन ने कहा, "स्ट्रॉस कान का आजाद होना और फिर महंगे रेस्त्रां में दोस्तों के साथ भोजन करना, यह देख कर मुझे घृणा आती है."
स्ट्रॉस कान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व प्रमुख हैं और बलात्कार की कोशिश के आरोपों में गिरने के बाद उन्हें पद से हटना पड़ा., न्यूयॉर्क की एक होटल कर्मचारी ने उन पर बलात्कर की कोशिश करने का आरोप लगाया जिसके बाद उन्हें विमान से उतार कर गिरफ्तार किया गया. बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. होटल कर्मचारी के बदलते हुए बयानों का फायदा भले ही स्ट्रॉस कान के मुक़दमे को मिल रहा हो, लेकिन राजनीति में लौटने में उनके रास्ते में अभी भी कई अड़चनें हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ ईशा भाटिया
संपादन: एन रंजन